बरमकेला। विकास खंड स्रोत केंद्र में मुख्यमंत्री जतन योजना के तहत समग्र शिक्षा योजना के अंतर्गत मरम्मत कार्य के लिए 6.31 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे। लेकिन इस राशि का उपयोग मरम्मत कार्यों के बजाय केवल पुताई ओर टाइल्स पर खर्चा दिखाया जा रहा है। यह मामला अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत का स्पष्ट संकेत देता है। सूत्रों के अनुसार, मरम्मत कार्य के नाम पर बड़ी रकम खर्च करने के बावजूद, भवन की स्थिति में कोई विशेष सुधार नहीं देखा गया है। अधिकांश राशि केवल दीवारों की पुताई ओर टाइल्स लगाने पर खर्च दिखाकर भुगतान कर दिया गया है। यह स्थिति न केवल बरमकेला में बल्कि अन्य मरम्मत कार्य वाले स्कूलों में भी देखी जा रही है। जब मुख्यालय स्तर पर ही इस तरह के भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं, तो अन्य छोटे स्थानों की स्थिति का अंदाजा लगाना कठिन नहीं है। इस मामले में जब अधिकारियों से जानकारी मांगी गई, तो उन्होंने गोल मोल जवाब देकर मामले को टालने की कोशिश की।
इससे यह संदेह गहराता है कि मरम्मत कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है। स्थानीय लोगों ओर अभिभावकों ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है ताकि जिम्मेदार अधिकारियों ओर ठेकेदारों के खिलाफ उचित कार्रवाई हो सके। यदि इस मामले की गहराई से जांच की जाए, तो शिक्षा विभाग में बड़े घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है। इस भवन निर्माण कार्य कुछ ही साल हो रहे हैं। ओर अधिकारियों के द्वारा इसके मरम्मत कार्य के नाम से लाखों रुपए आंख मिचौली का खेल खेल रहे है। बोर्ड दीवार लेखन मे बड़ी गड़बडी, इसके लिए सबसे पहले दीवार लेखन के लिए अलग से भुगतान किया जाता है। जिस अधिकारी के द्वारा किसी दीवार में ही दीवार लेखन कर दिया या गया? आखिर उस अधिकारी के द्वारा किस तरह भौतिक सत्यापन किया गया होगा? किस तरह का खेल यहां हुआ होगा? यह आप देख सकते हैँ।
शिक्षा विभाग में बड़े घोटाले की षड्यंत्र चल रही है
