खरसिय। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्वच्छता के लिए चलाए जा रहे विभिन्न अभियानों के बावजूद, जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण योजनाओं का उद्देश्य अधूरा रह रहा है। रायगढ़ जिले के खरसिया ब्लॉक के कई ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत आवंटित रिक्शा अब उपयोग में आने के बजाय कबाड़ बन चुकी हैं।
ग्रामीणों की उम्मीदें हुईं चकनाचूर
स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार ने ग्राम पंचायतों में सफाई व्यवस्था के लिए दो से तीन रिक्शा प्रदान की थीं। इसके गांव में पहुंचते ही ग्रामीणों में यह विश्वास जगा था कि अब उनकी गलियां साफ-सुथरी रहेंगी। लेकिन हालात इसके विपरीत हैं। आवंटित रिक्शा पंचायत कार्यालयों में बेकार पड़ी हैं और उनका कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है।
भ्रष्टाचार और लापरवाही का खेल
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायतों द्वारा दो रिक्शा के रू. 1,18,000 का भुगतान किया गया है। इसके बावजूद, ये रिक्शा न तो सफाई के लिए उपयोग हो रही हैं और न ही इन्हें मेंटेन करने का प्रयास किया गया है। पंचायत के सचिव और सरपंच की लापरवाही साफ नजर आ रही है।
डस्टबिन और कचरा प्रबंधन में भी अनदेखी
सरकार द्वारा डस्टबिन के माध्यम से घरों से कचरा इक_ा कर एक जगह पर निस्तारण करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन, सरपंच और सचिव इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। यहां तक कि जनपद पंचायत के सीईओ भी इस मामले में निष्क्रिय दिख रहे हैं।
गांवों में सफाई अभियान की स्थिति चिंताजनक
गांव के निवासियों का कहना है कि स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य केवल कागजों तक सीमित रह गया है। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मिलीभगत से योजनाओं में भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
जांच की मांग
ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मामले में उच्च स्तर पर जांच की मांग की है। उनका कहना है कि योजनाओं के सही क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि ग्राम स्तर पर स्वच्छता अभियान प्रभावी तरीके से चलाया जा सके।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत मिली रिक्शा कबाड़ में तब्दील
सरकारी योजना पर लापरवाही और भ्रष्टाचार के बादल
