धरमजयगढ़/रायगढ़। जिले के नगर पंचायत क्षेत्र धरमजयगढ़ में 90 के दशक में अस्तित्व में आया, जो 15 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। पिछड़ा इलाका होने के कारण नगर विकास के लिए तत्कालीन समय पर जनपद पंचायत को बस स्टैंड में व्यवसाय करने के कई स्थाई संसाधन दिए गए। लेकिन समय बीतने के साथ ही जनपद पंचायत द्वारा नगर पंचायत क्षेत्र के प्रमुख स्थलों पर बेजा करते हुए करोड़ों रूपों की कथित अनैतिक आमदनी की जा रही है। यह गंभीर आरोप धरमजयगढ़ नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड मेंबर रविंद्र राय ने लगाए हैं।
एक निजी साक्षात्कार के दौरान रविन्द्र राय ने कहा कि सर्व विदित है कि नगरीय क्षेत्र के ऐसे ही हृदय स्थल पर स्थित बस स्टैंड को विकसित सुन्दर बनाने के लिए 90 के दशक में दुकानें निर्मित करने जनपद पंचायत को नियमानुसार प्रदान किया। जिसके बाद से जनपद पंचायत द्वारा उक्त दुकानों की नीलामी कर राशि रख लिया गया और तभी से किराया भी वसूल कर रहे हैं। राय ने आरोप लगाते हुए कहा कि जनपद पंचायत द्वारा से दुकान के आगे-पीछे बेजा कब्जा करवा लिया गया। इसके अलावा नगर के मुख्य स्थानों जैसे अस्पताल के सामने, भारतीय स्टेट बैंक के सामने कई दुकान निर्मित कर प्रति दुकान 15 से 20 लाख रूपने वसूली कर लिया है तथा मासिक किराया अनवरत चल रहा। वर्तमान में जनपद कार्यालय के किनारे खाली भूमि पर भी दुकानों का निर्माण कराया जा रहा है। उपरोक्त स्थानों के समक्ष नगर पंचायत के कर्मचारियों के द्वारा साफ-सफाई भी किया जा रहा है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि व्यवस्था नगर पंचायत करे और भुगतान जनपद पंचायत द्वारा लिया जाए। राय ने बताया कि मजे की बात है कि नगर पालिका के अधीन आने वाली भूमि पर उक्त दुकानों को निर्मित करने के लिए नगर पंचायत कार्यालय से एनओसी भी नहीं लिया गया है। जनपद पंचायत ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाकर उक्त निर्माण कार्य का संपादन कर रहा है।
पूर्व टीएसएस अध्यक्ष व वर्तमान पार्षद रविन्द्र राय ने बताया कि नगर पालिका अधिनियम 1961 में उल्लेखित है कि निजी भूमि छोडक़र अन्य रिक्त भूमि नगरीय निकाय के अधीन है। उसकी जमीन पर यदि कोई दूसरी एजेंसी कार्य करे तो नगर पालिका से एनओसी लेना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सारे मापदण्ड पूरा न करने पर उक्त दुकानों का आधिपत्य नगर पंचायत द्वारा क्यों नहीं लिया गया है।
नगर पंचायत की भूमि पर जनपद का कब्जा
