रायपुर। प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सियासत गरमाती नजर आ रही है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य सरकार पर चुनाव टालने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार समय पर नगरीय निकाय चुनाव नहीं कराना चाहती है। बघेल ने कहा कि संविधान के मुताबिक 5 साल से पहले चुनाव कराना जरूरी है। राज्य सरकार ने संविधान के विपरीत अधिसूचना जारी की है। सरकार ने 6 माह बाद चुनाव के लिए प्रावधान किया है। इससे स्पष्ट है सरकार निकाय चुनाव को टालना चाहती है। सरकार के लोग अपने कार्यकाल में किए दावों से डरी हुए है। इसलिए चुनाव नहीं करवा रही है। बिटकॉइन घोटाले के मामले में जांच कर रही ईडी के अधिकारी रायपुर में गौरव मेहता के घर पहुंचे थे। जिसके बाद भाजपा नेता राधिका खेड़ा और संजय श्रीवास्तव ने मेहता के संबंध भूपेश बघेल से होने के आरोप लगाए थे। इसको लेकर बघेल ने पलटवार करते हुए कहा कि वो दोनों नेताओं को मानहानि का नोटिस भेजेंगे।
बघेल ने कहा कि, गौरव मेहता हैं कौन? मैं इन्हें नहीं जानता, जो भी लोग इनके साथ मेरा नाम जोड़ रहे हैं, उनके खिलाफ मानहानि का नोटिस भी भेजूंगा। दूसरी बात यह है कि बिटकॉइन केंद्र सरकार से संबंधित विषय है। उसमें छत्तीसगढ़ सरकार का कोई हस्ताक्षेप नहीं था। इसलिए वो अपनी गलती छुपाने के लिए बेबुनियाद आरोप न लगाए। धान खरीदी को लेकर बघेल ने कहा कि, सभी कलेक्टर्स को आदेश है अनावरी को कम बताया जाए। राज्य सरकार किसानों को ठगने का काम कर रही है। छोटे किसानों को धान खरीदी की नीति में नुकसान हो रहा है। बायोमेट्रिक व्यवस्था से भी धान खरीदी में परेशानी हो रही है। बड़े और छोटे किसानों को टोकन देने में देरी की जा रही है। कई जगह बारदाने की कमी है, 72 घंटे में भुगतान नहीं हो रहा है। धान संग्रहण केंद्रों में धान जाम हो रहा है। सरकार किसानों से धान नहीं खरीदना चाहती, अगर धान लेना चाहती है तो अनावरी रिपोर्ट की अनिवार्यता क्यों है? बघेल ने कहा किसानों का प्रदेश है इसलिए धान का कटोरा कहलाता है, हमारी नीति रही की 3 दिन में धान का उठाव हो जाना चाहिए था उठाव निरंतर चलते रहता था। बहुत ही स्फूर्ति से हो रही थी, लेकिन भाजपा सरकार नहीं चाहती धान खरीदी करना। अभी तो धान संग्रहण केंद्र में तैयारी अधूरी है।
नगरीय निकाय चुनाव टालना चाहती है सरकार : भूपेश
5 साल से पहले चुनाव कराना जरूरी, संविधान के खिलाफ अध्यादेश किया जारी
