रायपुर। बलौदाबाजार हिंसा केस में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव बीते 2 महीने से रायपुर के सेंट्रल जेल में बंद हैं। इसी बीच सोमवार को राहुल गांधी की टीम सीक्रेट तरीके से देवेंद्र से मिलने रायपुर जेल पहुंची। इस बात की छत्तीसगढ़ कांग्रेस को खबर नहीं है। जेल सूत्रों के अनुसार रजिस्टर से उनके नाम की एंट्री मिली है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी के करीबी केबी बायजू और डॉ. प्रतिष्ठा सिंह को लेने भी देवेंद्र की ही टीम एयरपोर्ट पहुंची थी। वह सुबह 10 बजे दिल्ली से रायपुर पहुंचे थे। जेल में देवेंद्र से उनकी पत्नी, केबी बायजू और प्रतिष्ठा सिंह की काफी देर तक मुलाकात हुई। इस मुलाकात के कारण यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी मुलाकात के लिए डेढ़ घंटे इंतजार करना पड़ा।
राहुल गांधी के चीफ ऑफ स्टाफ केबी बायजू और प्रतिष्ठा सिंह के इस मुलाकात की जानकारी प्रदेश के किसी नेता को नहीं दी गई है। ये मुलाकात और इन दोनों का दौरा बेहद गोपनीय रखा गया। प्रदेश कांग्रेस को भी इसकी जानकारी नहीं मिली। केबी बायजू पूर्व एसपीजी अधिकारी हैं। उन्होंने 2010 में अपनी नौकरी छोड़ दी और राहुल गांधी की टीम में शामिल हो गए। बायजू राहुल गांधी की पूरी लॉजिस्टिक्स और यात्रा की देखभाल करते हैं। साथ ही वह राहुल गांधी के लिए यात्रा की प्लानिंग करते हैं। वहीं प्रतिष्ठा सिंह भी इसी टीम में है। मंगलवार को ही यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब भी देवेंद्र से मिले, वो पहले सुबह 10 बजे ही सेन्ट्रल जेल जाने वाले थे, लेकिन दोनों नेताओं के अचानक दौरे और मुलाकात के कारण वह डेढ़ घंटे तक इंतजार करते रहे, जिसके बाद दोपहर 1.00 बजे उदय भानु जेल पहुंचे और देवेंद्र से मुलाकात की।
देवेंद्र यादव की 17 अगस्त को भिलाई से गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद से लगातार न्यायिक रिमांड बढ़ रही है। वे रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं। पुलिस का तर्क है कि, विधायक का मोबाइल जमा नहीं होने के चलते केस के प्रोग्रेस में देरी हो रही है, जिस पर देवेंद्र के वकील ने कहा कि, मोबाइल जमा कर दिया गया था। डीवीआर कॉपी करने के बाद पुलिस ने वापस लौटाया। विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी बलौदाबाजार हिंसा मामले में हुई है। उन पर हिंसा भडक़ाने का आरोप है। इस मामले में बलौदाबाजार पुलिस ने 4 बार नोटिस जारी किया, लेकिन विधायक ने बयान देने जाने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा था कि पुलिस को बयान लेना है, तो उनके पास और लेकर जाए। हालांकि पूछताछ के लिए तीसरा नोटिस मिलने पर देवेंद्र यादव ने बलौदाबाजार जाकर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात भी की थी। वहीं, बलौदाबाजार पुलिस के एक उच्चाधिकारी की माने तो पुलिस के पास देवेंद्र के खिलाफ गवाह हैं। कुछ लोगों के बयान हैं। इसके अलावा पुलिस के पास कुछ वीडियो भी हैं। इसको आधार बनाकर उन पर कार्रवाई की जा रही है। देवेंद्र यादव के खिलाफ बलौदाबाजार हिंसा का पहला मामला जांच में नहीं है, उनके खिलाफ कोयला घोटाला और कथित एमएमएस मामले की भी जांच चल रही है। कुछ दिन पहले भिलाई नगर पुलिस ने भी उन्हें नोटिस जारी कर फोटो वीडियो के लिए थाने बुलाया था। देवेंद्र वहां भी दोबारा बयान दर्ज कराने नहीं गए। उन्होंने कहा वह थाने जाकर अपना बयान एक बार दे दिए हैं। लिखित में भी दिया है कि जांच में जो भी आगे पूछताछ या जानकारी चाहिए, उनके कार्यालय में आकर ले लें।
ये था मामला
15 मई को सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। इसके बाद कार्रवाई की मांग उठी और लगातार लोकल स्तर पर प्रदर्शन हुए। 19 मई को पुलिस ने इस मामले में बिहार निवासी 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि नल-जल योजना कार्य में ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था। इसलिए शराब के नशे में आरोपियों ने तोडफ़ोड़ कर दी लेकिन इस कार्रवाई से समाज के लोग संतुष्ट नहीं थे। इस बीच 10 जून को बलौदाबाजार में प्रदर्शन के दौरान अचानक से लोग उग्र हो गए और बवाल बढ़ता चला गया। हिंसा के दौरान कलेक्टर-एसपी दफ्तर में आगजनी की गई। कई गाडिय़ां जला दी गई। इसके बाद कई जनप्रतिनिधि समेत करीब 200 लोगों की गिरफ्तारी हुई। प्रदर्शन में एक वीडियो सामने आया जिसमें देवेंद्र यादव भी शामिल दिखे। इस मामले में उन्हें नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया। एक बार वे पूछताछ के लिए बलौदाबाजार भी पहुंचे। इसके बाद 17 अगस्त को उनकी गिरफ्तारी हुई थी।
राहुल गांधी की टीम ने देवेन्द्र यादव से जेल में की मुलाकात
जेल रजिस्टर में बायजू- प्रतिष्ठा के नाम की एंट्री
