खरसिया। लिपिक संवर्गों के वेतनमान के निरंतर क्षरण को दूर करने तथा लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के सामान्य हितों के संरक्षण को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री के नाम अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि वर्तमान में राज्य शासन के द्वारा लगभग सभी वर्ग के अधिकारियों कर्मचारियों की वेतन विसंगति का ममला निराकृत किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लिपिक संवर्गों के वेतन के निराकरण को लेकर उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया गया, किंतु समिति की अनुशंसा के बाद भी लिपिक वर्गीय संवर्ग का वेतनमान आज भी ज्यों का त्यों है। जिससे लिपिक संवर्ग में कुण्ठा एवं निराशा का वातावरण बन रहा है। बता दें कि लगभग 35-36 वर्षों से यही स्थिति बनी हुई है।
ज्ञापन देते वक्त श्यामसुंदर पटेल, गोविंदसिंह राठिया, लोमेश राठिया, खिलावन बंजारे, प्रदीप चौहान, हितेश कुर्रे, देवनारायण पटेल, मुकेश राठिया, श्रीमती रुद्राणी राठिया, सरिता वर्मा, सरस्वती वर्मा, राधेलाल डनसेना, महेंद्रप्रसाद पांडव, प्रहलादसिंह सिदार, आत्माराम बघेल, गौरीशंकर उरांव, जवाहर नायक, जलेश्वर राठौर, मनोज, महावीर राठिया, खीरप्रसाद नायक, रथराम राठिया, रुद्रकुमार पटेल, गनपत डनसेना, सोमेश, दीपक देवांगन, किशन मिरी, जागेश्वरी रात्रे, सहोदरा जायसवाल, लक्ष्मीप्रसाद डनसेना, दिगंबर पटेल सहित अन्य लिपिक साथी उपस्थित रहे। छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ 79 तहसील शाखा खरसिया के अध्यक्ष रामखिलावन महिपाल, कोषाध्यक्ष श्यामसुंदर पटेल, जवाहर नायक, तहसील कार्यकारिणी के अध्यक्ष, प्रांति कार्यालय सचिव एवं तहसील शाखा मीडिया प्रभारी शिवशंकर सिंह कुशवाह के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई।
लिपिक संवर्ग ने वेतनमान को लेकर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
