पखांजुर। लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा से लेकर पंचायत चुनाव आते ही जनप्रतिनिधि गाँव के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचने का प्रयास करते है और गाँव के अंतिम छोर तक विकास पहुँचाने का वादा और दावा करते हैं।लेकिन कोयलीबेड़ा जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत पंचायत से लेकर विधानसभा लोकसभा चुनाव आते ही जनप्रतिनिधि गाँव के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचने का प्रयास करते है और गाँव के अंतिम छोर तक विकास पहुँचाने का वादा और दावा करते हैं।लेकिन कोयलीबेड़ा जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत आलोर के शंकर नगर पारा में पहुंचने से लगता हो मानो उन तमाम दावो ने दम तोड़ दिया है,इस पारा मे 35 परिवार निवास करते है,इस गांव तक जाने के लिए सडक़ तक नही बरसात आते ही नाला उफान पर होता हैं और सैकड़ो ग्रामीणों की जि़न्दगी मुख्यधारा से कट जाती हैं,कई दिनों तक जब पानी का बहाव कम नहीं होता तो मजबूरन स्कूली छात्रों को अपना जान खतरे में डालकर उफऩते हुए नाले को पार करके स्कूल जाना पड़ता हैं,गर्भवती महिलाओं को चारपाई में लेटाकर ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर अपने कंधो पर लादकर उफनते नाले को पार कर अस्पताल तक पहुँचाते हैं,ग्रामीणों का कहना हैं कि जीते जी तो हम बहुत तकलीफो में होते हैं पर मरने के बाद में परेशानिया कम नहीं होती,क्यूंकि नाले पर पुलिया न होने के चलते शवों को शमशान तक नहीं ले जाया जा सकता,इस पारा के मृत व्यक्ति को शमशान तक नसीब नहीं हो पता,ग्रामीणों ने कई दफ़े पंचायत के सरपंच – सचिव सहित जिला कलेक्टर तक इस पुलिया के लिए आवेदन दे चुके हैं परन्तु वर्षो बीत जाने के बाद भी आज तक इन बेबस ग्रामीणों को एक पुलिया तक नसीब नहीं हो पाया हैं,और मजबूरन लोग जान जोखिम मे डालकर आवाजही करने मजबूर है। हालांकि क्षेत्रीय विधायक विक्रम उसेंडी ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही पुलिया का निर्माण कराया जायेगा ताकि ग्रामीणों कोई परेशानी न हो।लेकिन ग्रामीण यह आश्वासन तो वर्षो से सुनते आ रहे है,परन्तु आश्वासन पर गंभीर न नेता हुए न जनप्रतिनिधि और न विभाग, लेकिन ग्रामीण आज भी पुलिया की उम्मीदें पाले हुए है।
बारिश के समय स्कूली बच्चे कैसे उफनती नदी को पार कर स्कूल आना जाना करते हैं,ये सिर्फ आलोर पंचायत के शंकर नगर पारा के लोग ही समझ सकते हैं एक पुलिया वो भी बर्षो से माँग करते आ रहे हैं पर आज तक न पुलिया बना और न ही गांव तक जाने के लिए सडक़, अब ग्राम पंचायत का चुनाव भी नजदीक हैं ऐसे में फिर ग्रामीणों को उम्मीद जरूर जागेगी पुलिया सडक़ की नही बल्की अश्वशन की।
पैंतिस परिवार सडक़ और पुलिया की कर रहे मांग
