खरोरा। दृढ़ संकल्प और कठिन परिश्रम से आप किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हो, कुछ ऐसा ही कर दिखाया है रायपुर जिले के तिल्दा ब्लॉक के एक छोटे से गांव भड़हा, खरोरा से एक साधारण से कृषक परिवार की बिटिया आस्था साहू जो इस वर्ष हृश्वश्वञ्ज की परीक्षा में 667/720 अंक प्राप्त और देश में ओवरआल 14588 रैंक प्राप्त कर जे.एन. स्मृति शासकीय मेडिकल कॉलेज [ मेकाहारा ] रायपुर में एडमिशन लेकर गांव की पहली एमबीबीएस डॉक्टर बनेगी। वास्तव में उसने दिखा दिया कि अगर आप बड़े सपने देखते है और उसे पूरा करने की जिद और विश्वास आप में हो तो आर्थिक समस्याएं आपको विचलित नहीं कर सकती। और अपने दूसरे प्रयास में ही देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक हृश्वश्वञ्ज एग्जाम को क्रैक कर लिया।
श्री नरेंद्र साहू और श्रीमती चम्पेश्वरी साहू की तीन बेटियों में से द्वितीय आस्था साहू की प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई। पिता राजमिस्त्री का काम करते है और आर्थिक दिक्क़तो के बावजूद अपनी तीनो बेटियों को अच्छी शिक्षा दिलाने का प्रयास कर रहे है, जो शिक्षा के प्रति उनके जज्बे को दिखाता है। आस्था साहू की मैट्रिक तक की पढ़ाई शासकीय हाईस्कूल भड़हा आरएमएसए तथा इंटरमीडियट की शिक्षा शास. उच्चतर माध्य. विद्यालय ख़ौली से पूरी की। करोनाकाल के दौरान ऑनलाइन क्लास के माध्यम से घर पर ही सेल्फ स्टडी की। अगले वर्ष रायपुर में कौशिल्या अकेडमी से मार्गदर्शन प्राप्त कर अपना पहला प्रयास दिया और अच्छे स्कोर के बावजूद मनपसंद जगह नहीं मिलने के कारण पुन: दूसरा प्रयास दिया और दूसरे प्रयास में रायपुर मेडिकल कॉलेज अलॉटमेंट हुआ। आर्थिक अभावो के कारण दूसरे प्रयास के दौरान आकाश इंस्टिट्यूट रायपुर ने इसके स्कोरकार्ड को देखकर नि:शुल्क ही मार्गदर्शन दिया। इस तरह से अपने कठिन मेहनत और आत्मविश्वास से उन्होंने इस परीक्षा को अच्छे रैंक के साथ पास की। इनकी सफलता ग्रामीण अंचल के साधारण परिवारों के बच्चो के लिए जो जीवन में बड़ा सपना देखते है उनके लिए प्रेरणा का स्त्रोत और मिसाल बनेगी। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता -पिता, दीदी, सभी शिक्षकों और अपने बड़े पिताजी श्री शंकरलाल साहू को दिया है। साथ ही इस उपलब्धि पर साहू समाज बहुत ही गौरवन्वित है।
भड़हा गांव की पहली एमबीबीएस डॉक्टर बनेगी आस्था साहू
पिता राजमिस्त्री का काम करते है
