बिलासपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिनांक 12 मार्च 2024 को 85,000 करोड़ रुपये से अधिक की लगभग 5900 से अधिक रेलवे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और राष्ट्र को समर्पित करेंगे। लगभग 670 से अधिक रेलवे स्टेशनों और अन्य स्थानों से लोग इस कार्यक्रम में जुड़ेंगे।
इस क्रम में सबसे पहले 10 नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ करेंगे। साथ ही 4 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के विस्तारित सेवाओं का शुभारंभ करेंगे। इसके अतिरिक्त 9 अन्य ट्रेनों का भी हरी झंडी दिखाकर शुभरम्भ करेंगे। अभी तक 82 वंदेभारत ट्रेन सेवाएं भारतीय रेलवे में चल रही हैं, जो ब्रॉडगेज(बी.जी.)विद्युतीकृत नेटवर्क वाले राज्यों को जोड़ती हैं। ये वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेनें 24 राज्यों/ ञ्जह्य और 256 जिलों से गुजरती हैं। 10 जोड़ी और वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत के साथ, भारतीय रेलवे में 104 सेवाएं (51 जोड़ी ट्रेन) शुरू हो जाएंगी।
प्रधान मंत्री जी पूरे देश में 50 प्रधान मंत्री जन औषिधी केंद्र का लोकार्पण करेंगे। इसमे दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की 4 केंद्र भी शामिल है। यह केंद्र जांजगीर नैला, पेंड्रा रोड, नागभीड़ और नैनपुर शामिल है। रेलवे स्टेशनों पर आने वाले यात्रियों की भलाई और कल्याण को बढ़ाने के प्रयास में, भारतीय रेलवे ने स्टेशनों के सर्कुलेटिंग क्षेत्रों और कॉन्कोर्स में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र(पीएमबीजेके) स्थापित करने के लिए एक नीति ढांचे की संकल्पना की, जो लाइसेंस धारियों द्वारा संचालित होते हैं। सभी को सस्ती कीमत पर गुणवत्ता पूर्ण दवाएं और उपभोग्य वस्तुएं (जनऔषधिउत्पाद) उपलब्ध कराने के भारत सरकार के मिशन को बढ़ावा देना। रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों/आगंतुकों को जन औषधि उत्पादों तक आसानी से पहुंचने में सक्षम बनाना। सस्ती कीमतों पर दवाएँ उपलब्ध करा कर समाज के सभी वर्गों के बीच कल्याण और कल्याण को बढ़ाना। रोजगार के अवसर पैदा करें और पीएमबीजे के खोलने के लिए उद्यमियों के लिए रास्ते तैयार करें।
भारतीय रेलवे के मौजूदा उच्च घनत्व वाले मार्गों पर अधिक ट्रेनें चलाने के लिए लाइन क्षमता बढ़ाने के लिए, स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग एक लागत प्रभावी समाधान है। ज्ञात हो की दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मे 300 किलो मीटर से अधिक का सेक्शन , स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग से लैस है। पूरे भारतीय रेलवे में 4000 रूट किलो मीटर से अधिक पर स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग (्रक्चस्) प्रदान की गई है।
यात्रियों को एक अनोखा भोजन माहौल प्रदान करने के लिए, भारतीय रेलवे अपने प्रमुख स्टेशनों और बिंदुओं पर रेल कोच रेस्तरां खोल रहा है। यह पहल अद्वितीय अनुभव चाहने वाले यात्रियों का ध्यान आकर्षित कर रही है। रेल कोच रेस्तरां का लक्ष्य यात्रियों और जनता की जरूरतों को पूरा करना है। बिलासपुर रेलवे स्टेशन परिसर में एक रेल कोच रेस्तरां का लोकरपन भी प्रधान मंत्री इस अवसर पर करेंगे। रेल मंत्रालय ने भारत सरकार के ‘वोकल फॉर लोकल’ दृष्टिकोण को बढ़ावा देने, स्थानीय/स्वदेशी उत्पादों के लिए बाजार प्रदान करने और हाशिए पर रहने वाले समाज के वर्गों के लिए अतिरिक्त आय के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से ‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट’ (ओएसओपी) योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य देश भर के रेलवे स्टेशनों पर बिक्री आउट लेट के प्रावधान के माध्यम से स्थानीय कारीगरों, कुम्हारों, बुनकरों/हथकरघा बुनकरों, शिल्पकारों आदि को आजीविका के बेहतर अवसर प्रदान करना है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में ऐसे 50 स्टॉल का लोकार्पण किया जाएगा।
2004-14 के दौरान 14,985 रूट किलो मीटर रेल ट्रैक का काम किया गया। पिछले 9 वर्षों (2014-23) में 25,871 रूट किलो मीटर ट्रैक बिछाया गया है। नई रेलवे लाइनों में यह 75त्न की वृद्धि है। वर्ष 2022-23 में प्रतिदिन 14 किमी ट्रैक बिछाया गया तथा वर्ष 2023-24 में प्रतिदिन 16 किमी ट्रैक बिछाने का लक्ष्य है। 2014 के बाद से 14,337 किलो मीटर रेलवे लाइन दोहरीकरण का काम शुरू किया गया है। 2014 से 5,750 किमी लंबाई का गेज परिवर्तन शुरू किया गया है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में पिछले इन वर्षों में 1150 किलो मीटर से अधिक की रेल लाइनों का निर्माण किया गया। प्रधान मंत्री जी दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की बिलासपुर झारसुगुडा चौथी लाइन, राजनंदगाव नागौर तीसरी लाइन, अनुपपुर कटनी तीसरी रेल लाइन के निर्मित रेल सेक्शनों का भी लोकरपन करेंगे। इसके साथ ही बिलासपुर इलैक्ट्रिक लोको शेड का लोकार्पण भी किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी 12 मार्च को 85,000 करोड़ रूपये से अधिक की रेलवे की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे
