रायगढ़। चक्रधर समारोह में नामचीन तबला वादक और परकशन आर्टिस्ट जीतू शंकर ने फ्यूजन संगीत की अनोखी प्रस्तुति दी। जिसमें शास्त्रीय वाद्य यंत्रों सारंगी, सितार और संतूर की सुरीली धुनों के साथ तबले की थाप व ड्रम्स और परकशन की जादुई संगत सुनने को मिली। जिससे श्रोताओं के साथ समारोह का पूरा मंच रोमांचित हो उठा। देश राग से उनकी प्रस्तुति शुरू हुई। जिसमें उन्होंने राजा चक्रधर सिंह को ‘महाराज जी थारे घर आए’ गीत के माध्यम से नमन किया। मंच पर वाद्य यंत्रों से जब पधारो म्हारे देश के सुर निकले तो अपने देश की मिट्टी की खुशबू संगीत के धुनों के रूप सुनने वालों के जेहन में उतर गई। संतूर में बजती पहाड़ी धुनों ने श्रोताओं को कश्मीर की वादियों में होने का एहसास दिलाया। कार्यक्रम में शांत और मधुर रागों से शुरू हुआ सांगीतिक सफर धीरे-धीरे ऊर्जावान धुनों में तब्दील हो गया, संगीत की हर धुन में भारतीय शास्त्रीय संगीत की गहराई और आधुनिकता का अनोखा संगम था। जीतू शंकर के साथ उनके दोनों बेटों ऋषभ शंकर ने ड्रम्स पर और जैंबे पर पीयूष शंकर ने संगत की। वहीं सारंगी पर उस्ताद शाहरुख खान, संतूर पर मंगेश जगताप, सितार पर उस्ताद सलमान खान ने संगत की।
तालियों की थाप के साथ श्रोताओं ने की जुगलबंदी
जीतू शंकर एंड टीम की प्रस्तुति इतनी शानदार रही की सुनने वालों ने तालियों की गडगड़़ाहट के साथ सभी वादकों के साथ जुगलबंदी की। तबला, संतूर, सितार, सारंगी और ड्रम्स और जैम्बे के साथ श्रोताओं के तालियों की थाप ने समारोह के पूरे माहौल में अद्भुत ऊर्जा भर दी।
रामप्रसाद सारथी के सुरीले भजनों से भक्ति रस में डूबे श्रोता
रामप्रसाद सारथी के सुरीले भजनों से भक्ति रस में डूबे श्रोता
चक्रधर समारोह की तीसरी शाम संगीत विशारद से सम्मानित श्री रामप्रसाद सारथी के शास्त्रीय गायन से शुरू हुआ। उनके मधुर स्वर से सजे भजनों से श्रोताओं को भक्ति रस से सराबोर कर दिया। ईश्वर और भक्त के बीच के संवाद को उन्होंने भजन ‘हे ईश्वर आपने हमे क्या नही दिया, हमें मालूम हमने आपके लिए क्या किया, ऐसा क्या काम किया मैंने कि तूने मेरा हाथ थाम लिया के जरिए बड़ी खूबसूरती से पहुंचाया।
रायगढ़ की सुश्री जया दीवान ने दी कथक नृत्य की अद्भुत प्रस्तुति
रायगढ़ की कथक नृत्यांगना सुश्री जया दीवान ने अद्भुत नृत्य प्रस्तुति दी। जया दीवान ने अपनी प्रस्तुति में पारंपरिक कथक के साथ-साथ आधुनिक शैलियों का समावेश करते हुए दर्शकों का दिल जीत लिया। उनकी नृत्य कला में शुद्ध तकनीकी कौशल के साथ भाव और अभिव्यक्ति का भी अनोखा मिश्रण देखने को मिला। जया की प्रस्तुति के दौरान कथक के गति और घुंघरू की अद्भुत तालमेल शामिल रही। जया की प्रस्तुति को दर्शकों ने भरपूर सराहना दी।
सुश्री धरित्री सिंह चौहान ने दी आकर्षक कथक की प्रस्तुति
रायगढ़ के ही निवासी रायगढ़ घराने की कथक कलाकार सुश्री धरित्री सिंह चौहान आकर्षक कथक की प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन जीता। उन्होंने श्रीरामचंद्र कृपालु भजमन..से कथक की शुरूआत कर अलग -अलग छंद-छंद में अपनी चाल की बेहद अमिट छाप छोड़ी।
शैंकी सिंह ने गणेश वंदना में दिखाई कथक की मोहक बारीकियां
पद्म विभूषण पंडित श्री बिरजू महाराज के शिष्य श्री शैकी सिंह ने नई शैली में कथक की प्रस्तुति दी। उन्होंने भगवान श्री गणेश की स्तुति वंदना पर आधारित गजमुख लागे अति सुन्दर.. गरजत-गरजत घनघोर बादल… पर आकर्षक कथक नृत्य की प्रस्तुति के माध्यम से दर्शकों का मन मोह लिया। वे अल्पायु से कथक सीख रहे हैं और वर्तमान में कथक की बारीकियों पर शोध कर रहे है, जो उनकी प्रस्तुति में उनकी भाव-भंगिमा, मुद्राओं में स्पष्ट रूप से दिखायी दी। कई पुरुस्कारों से सम्मानित कलाकार श्री शैंकी सिंह ने कथक नृत्य की प्रस्तुति से राजा चक्रधर सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।