भिलाईनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप भारत के सभी रेलवे स्टेशनों के कायाकल्प पलटने की प्रक्रिया की जा रही है। इसी परिपेक्ष में पावर हाउस रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण कार्य विगत वर्ष प्रारंभ किया गया है।लगभग 29 करोड़ से होने वाले इस कार्य के लिए रेलवे स्टेशन के आसपास विभिन्न अवैध कब्जों को निगम प्रशासन के सहयोग से हटाया गया था। और रेलवे स्टेशन के विस्तारित कारण कार्य का काम प्रारंभ किया गया था।पावर हाउस रेलवे स्टेशन के दोनों तरफ यानी की टाउनशिप की ओर एवं नगर निगम क्षेत्र की तरफ विभिन्न निर्माण कार्य को आरंभ किया गया था। और वह कार्य समय अनुसार संपादित हो रहे थे।इसी बीच नगर निगम के द्वारा रेलवे स्टेशन के आसपास हटाए गए अवैध कब्ज के स्थान पर दोबारा कब्ज होने का कार्य प्रारंभ हो गया है।जिसको लेकर निगम प्रशासन और रेलवे प्रशासन पूरी तरह उदासीन बना हुआ है।जिसकी वजह से पावर हाउस रेलवे स्टेशन की तस्वीर बदलने की प्रक्रिया में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है।नगर निगम क्षेत्र में रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वार के सामने आवागमन के प्रमुख मार्ग में गुमटियां रखकर अतिक्रमण करने का कार्य खुले तौर पर किया जा रहा है।इसके रोकथाम के लिए किसी भी तरह का उपाय निगम अथवा रेलवे प्रशासन द्वारा नहीं किया जा रहा है।जिसकी वजह से पावर रेलवे स्टेशन के विस्तारित कारण कार्य को ग्रहण लग सकता है।और यहां पर प्रधानमंत्री की मंशा के विपरीत कार्य संपादित होने से लोगों में आश्चर्य का माहौल व्याप्त है। लोगों का कहना है कि आम नागरिकों की सुविधा के लिए प्रधानमंत्री ने आवश्यक राशियां उपलब्ध कराकर इस रेलवे स्टेशन का स्वरूप बदलने का कार्य कई वर्षों पश्चात प्रारंभ करवाया था। जिसको कतिपय लोगों द्वारा विवादास्पद बनाया जा रहा है। जिसकी वजह से इस रेलवे स्टेशन में हो रहे आधुनिकीकरण कार्य में अवरोध कायम हो सकता है।और नागरिकों को मिलने वाली बेहतर सुविधाओं से उन्हें वंचित करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। इसके अलावा नगर निगम क्षेत्र मेंइस रेलवे स्टेशन के प्रमुख पहुंचमार्ग बनाए जाने के दिशा में पहले से हुए अवैध कब्ज को हटाई जाने के विषय पर भी ढलाई बढ़ती जा रही है।जिसकी वजह से इस रेलवे स्टेशन में पहुंचने के मार्ग का कार्य प्रारंभ भी नहीं हो पा रहा है।इस कारण शहर मेंबाहर से आने वाले नागरिक संकेतक एवं और रेलवे स्टेशन के पहुंच मार्ग के अभाव में रेलवे स्टेशन में पहुंचने के लिए दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। इस दिशा में रेलवे एवं निगम प्रशासन के द्वारा कोई भी ध्यान नहीं दिया गया है।जिसकी वजह से रेलवे स्टेशन के आसपास संकेतक बोर्ड एवं रेलवे स्टेशन पहुंचने के समुचित रास्ते की व्यवस्था इन वर्षों तक नहीं बन पाई है।यह बड़े दुर्भाग्य की बात है की शहर में आने वाले नागरिक अल सुबह से लेकर देर रात तक पावर हाउस रेलवे स्टेशन का पता पूछने का कार्य लोगों से करते रहते हैं।