सारंगढ़। सारंगढ़ जिला को अस्तित्व में आए 3 वर्ष नहीं हुए लेकिन यहां जिला कार्यालय में असम्भव भी सम्भव होते देखा जा सकता है। छत्तीसगढ़ प्रदेश में सारंगढ़ और महासमुंद के अलावा ऐसा कोई भी जिला नहीं है जहां कोटवारी जमीन का विक्रय का आदेश कलेक्टर ने जारी किया हो। यह वह जिला है जहां कोटवारी जमीन भी बिकती है। विषय जिला कार्यालय में जमीन खरीदी बिक्री का काला जादू जो किसी के समझ में नहीं आ रहा है। वैसे सडक़ के आजू-बाजू आवासी प्लांट हो या कृषि भूमि हो जिसमें एनएचएएस एचए पीडब्ल्यूडी का नियम लागू होता हैं। जहां पीडब्लुडी अपने सडक़ के दोनों ओर 50 फीट जमीन छोडऩे की बात करता है। वहीं स्टेट हाईवे के द्वारा भू-अर्जन 75 फीट के दायरे पर किया जाता है। नेशनल रोड एनएच में 100 फीट जमीन भू-अर्जन के लिए छोड़ा जाना चाहिए। आश्चर्य किंतु सत्य सारंगढ़ में एनएच साढ़े 72 फीट 5 इंच जमीन का भू-अर्जन शासन ने किसानों को और भू-मालिकों को दिया जा चुका है। वहीं स्टेट हाईवे में 60 फीट जमीन का भू-राजस्व किसानों को प्रदान किया जा चुका है अर्थात इस जमीन को शासन द्वारा खरीदी की गई है। ऐसे में जिला प्रशासन के द्वारा 50 फीट का काला जादू खेला जा रहा है ए जिसमें लेनदेन की सीमा असिमित है। विदित हो कि सारंगढ़ एनएच में 50 फीट छोडक़र जमीन खरीदी बिक्री का आदेश जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। जिला प्रशासन से पूछना चाहता हूं की शासन ने साढे 72 फीट 5 इंच जमीन किसानों से खरीदी की थी तो शासन के साढ़े 22 फीट 5 इंच जमीन का पैसा क्या जिला प्रशासन के जेब में जा रहा है या किसानों के खाते में जा रहा है । सीधा सीधी छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व को क्षति पहुंचाने की कोशिश सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है।
जिला प्रशासन में 50 फीट का काला जादू

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lochan Gupta
