खरसिया। खरसिया नगर से 15 किलोमीटर दूर सभी मनोकामनाओं को पूर्ण और सिद्ध करने वाले भगवान भोलेनाथ का सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध मंदिर बरगढ़ की मनोरम पहाडिय़ों के बीच में स्थित है जहां बाबा भोलेनाथ को जल अर्पण करने के लिए शिव भक्तों कि प्रत्येक सोमवार को भारी भीड़ रहती है वही पहाड़ों के बीच स्थित बोरई नदी से जल भरकर कावडिय़े बाबा भोलेनाथ को जल अर्पण करने के पश्चात अपने नगर या ग्राम में ले जाकर वहां के मंदिरों में कावड़ का जल अर्पण करते हैं। यह परंपरा वर्षो से चली आ रही है इसी परंपरा को निभाते हुए खरसिया के नवयुवकों द्वारा भी बरगढ़ से कावड़ में जल भरकर पैदल डीजे के साथ नाचते गाते हुए खरसिया के मछली तालाब स्थित प्रसिद्ध भगवान भोलेनाथ के मंदिर में कावड़ का जल अर्पण किया गया यहां बताते चलें कि आज के आधुनिक युग में नगर वासियों का बरगढ़ से कावड़ लाने में उत्साह काम होते जा रहा था जिसे देखते हुए मनीष तुहीराम छोटू शर्मा और राजू पल्लम द्वारा नगर एवं मोहल्ले के कावडिय़ों को एकत्रित कर अपने वाहन के द्वारा रविवार रात्रि बरगढ़ ले जाया गया एवं रात भर भजनों का आयोजन किया गया तथा भक्तों के बीच चाय नाश्ता बिस्किट भजिया का वितरण किया गया प्रात: 4:00 बजे सिद्धेश्वर नाथ महादेव को जल अर्पण करने के पश्चात वहीं से कावडिय़ों का जत्था कावड़ में जल भरकर डीजे के साथ पैदल नाचते और बाबा भोलेनाथ की जय कारे लगाते हुए सुबह 7 खरसिया पहुंचा एवं मछली तालाब स्थित श्री शिव मंदिर में कावड़ का जल अर्पण किया कावड़ यात्रा में नगर वासियों सहित आसपास के मोहल्ले वालों ने उत्साह और भक्ति के साथ भाग लिया।