खरसिया। नगर क्षेत्र के गांव तेलिकोट में आज ‘नारी शक्ति’ का ऐसा रूप देखने को मिला जिसने पूरे क्षेत्र में नशे के खिलाफ हलचल मचा दी है। नशे की वजह से बिखरते टूटते परिवार अनाथ होते बच्चे और सुनी होती कलाइयों को देखते हुए गांव की महिलाएं अब सिर्फ घर तक सीमित नहीं वे सडक़ों पर, गलियों में और चौपालों में उतरकर नशे के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ रही हैं। महिलाएं रात-दिन गांव की हर गली में घूम घूमकर नशा छोडऩे की अपील कर रही हैं। कहीं वे युवाओं को समझा रही हैं, तो कहीं घर-घर जाकर परिवारों से कह रही हैं ‘अब बस, अब नशा नहीं!’ उनके कदमों में हिम्मत है, आँखों में आग है और दिलों में एक ही आवाज़ हमारा गांव नशामुक्त होगा, चाहे जो भी करना पड़े ‘नारी ही असली शक्ति है’ महिलाओं का ऐलान महिला समूह की सदस्यों ने कहा लोग कहते हैं कि शक्ति शिव में बसती है, लेकिन असली शक्ति तो नारी में है। जब नारी ठान लेती है तो असंभव भी संभव हो जाता है। हमने ठान लिया है कि इस गांव से नशा मिटाकर ही दम लेंगे। गांव की एक बुजुर्ग महिला ने कहा पहले हम डरते थे, अब नहीं डरते। नशे ने हमारे बच्चों का भविष्य छीन लिया, अब हम अपने गांव को बचाने उतरी हैं। इन महिलाओं की मुहिम ने पूरे गांव का माहौल बदल दिया है। अब पुरुष भी इस अभियान में साथ आने लगे हैं। सामाजिक आंदोलन से राजनीतिक असर तक तेलिकोट की यह पहल अब राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बन चुकी है। गांव की सरपंच और जनपद पंचायत सदस्य ने महिलाओं का खुला समर्थन किया है। उन्होंने कहा महिलाओं की यह लड़ाई सिर्फ नशे के खिलाफ नहीं, बल्कि एक नए समाज की दिशा में कदम है। हम इस संघर्ष में हरसंभव सहयोग देंगे। सरपंच ने प्रशासन को पत्र के मध्यम सेअवगत कराना चाहते हे शराब बनाने वालों पर कार्रवाई की मांग कर रहे है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब अवैध शराब नहीं चलेगी, चाहे कोई कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो। महिलाएं खुद बना रहीं हैं बदलाव की मिसाल महिला समूह ने नशा मुक्ति अभियान के तहत एक टीम बनाई है, जो गांव की गलियों में घूमकर नशे के खिलाफ जागरूकता फैला रही है। ये महिलाएं दिन में जागरूकता रैली और रात में चौपाल में बैठकर संवाद कर रही हैं। पुलिस और प्रशासन से भी सहयोग मांगा गया है ताकि शराब बनाने वालों पर कानूनी कार्रवाई हो सके।
नारी है शक्ति का स्वरूप, अब नशे से करेगी युद्ध, हर घर हो खुशहाल, हर गली नशामुक्त महिला कार्यकर्ताओं ने कहा अब हमारी आवाज़ कोई नहीं दबा सकता। नशे से मुक्त गांव हमारा अधिकार है और इसे हम हासिल करके रहेंगे। तेलिकोट की इन महिलाओं ने साबित कर दिया कि जब नारी जागती है, तो समाज भी बदल जाता है। अब यह आंदोलन सिर्फ एक गांव तक सीमित नहीं बल्कि पूरे खरसिया क्षेत्र में नारी शक्ति की लहर बन चुका है। आसपास के कई गांवों की महिलाएं भी तेलिकोट पहुंचकर इस मुहिम से जुडऩे लगी हैं।हम अपने बच्चों के लिए लड़ रही हैं, अपने गांव की इज्जत के लिए लड़ रही हैं अब यह हमारी लड़ाई है और इसे हम जीतकर रहेंगे, नारा जो पूरे गांव में गूंज रहा है।
तेलीकोट की महिलाओं का नशे के खिलाफ अभियान
नशे से बिखरते परिवार अनाथ होते बच्चे और सुनी होती कलाइयों को देख एकजुट हुई महिलाएं, नशे के खिलाफ आर-पार की लड़ाई, बोली अब नहीं झुकेंगे, अब नहीं रुकेंगे परिवार नहीं बिखरेंगे



