सारंगढ़। जिला कलेक्टर धर्मेश साहू के द्वारा नगर में चल रहे नल जल पाइप योजना के तहत लगाए जा रहे पाइप के लिए पीएचई विभाग को स्पष्ट रूप से 13 जून को निर्देशित किए थे कि – जमीन की खुदाई व पाइप लगाने के बाद रोड को खराब छोडऩा नहीं है। उस रोड को अच्छे से बनाकर देवें, बारिश का मौसम आने वाला है।बारिश का मौसम तो आ चुका है और पानी गिरने के बाद शहर में कीचड़ हो जा रहा है जिससे भारत माता चौक के पास ही नहीं अपितु नगर के केई स्थानों पर गढढ़ा करके छोड़ दिया गया है पानी बरसते ही मोटरसाइकिल व साइकिल वाले फिसल के गिर रहे हैं और हाथ पैर में पट्टी लगवा रहे हैं। आपके आदेश की धज्जी उड़ रही है ऐसा लग रहा है मानो आपका आदेश थोथा चना बाजे घना की तरह है।
संवेदनशील कलेक्टर महोदय आपने एक आदेश 18 जून को जारी किया था कि – जिले में कार्यरत पटवारी के 12 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से राजस्व संबंधित समस्त काम प्रभावित हो रहे हैं। इससे आम जनता का राजस्व से संबंधित कार्य प्रभावित न हो इसलिए पटवारी हल्के का समस्त प्रभार राजस्व निरीक्षक को सौंपा जा रहा है। यह आदेश अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को जारी किया गया था। तहसील के समस्त हल्के में कार्यरत पटवारी जो छात्र-छात्राओं के, किसानों के, प्रधानमंत्री आवास हितग्राहियों के, जमीन खरीदी बिक्री करने वालों के, निवास, जाति, आय प्रमाण पत्र बनाने वालों के सारे दायित्वों को निभाया करते थे। आरआई को तो आपने बजरंगबली की भूमिका में जिम्मेदारी दे दी है, जो उडक़र एक साथ रेड़ा, हरदी, गोड़म, गुड़ेली, टिमरलगा, नवरंगपुर, अमझर, मल्दा, दानसरा और न जाने किन-किन गांव में हनुमान की तरह से उड़ कर जाएगा और लोगों के, हित ग्राहियों के समस्त कार्यों का संपादन करेगा। श्रीमान आपके आदेश का अनुपालन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के द्वारा इस तरह से किया जा रहा है जैसे आपके आदेश को कचरे के डब्बे में डाल दिया गया है। तीन राजत्व निरीक्षकों के साथ ही साथ 10 पटवारी को हल्का का दायित्व सौंपा गया है अर्थात आपके आदेश का खुला उल्लंघन माना जा सकता है। यह आदेश तो ढ़ाक के पाट साबित हो रहा है। ऐसे लग रहा है मानो यह आदेश थोथा चना बाजा घना की तर्ज पर चल रहा हो।
थोथा चना बाजा घना सा कलेक्टर का आदेश
