चुनावी चंदा घोटाला के लिए भाजपा की मान्यता रद्द किया जाए : अरुण
सारंगढ़। जिकां कमेटी सारंगढ़ बिलाईगढ़ अध्यक्ष अरुण मालाकार ने प्रेसवार्ता में बताया कि – मोदी सरकार ने कंपनियों पर ईडी, सीबी आई से छापा मरवा कर भाजपा के लिये चंदा वसूला। इलेक्टोरल बांड से संबंधित जो जानकारी सामने आई है उससे साफ है कि इलेक्टोरल बांड मोदी सरकार द्वारा भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिये लाया गया था । यह देश का अब तक का सबसे बड़ा चुनावी चंदा घोटाला है। मोदी सरकार ने व्यवसायिक संस्थानों को केन्द्रीय एजेंसी के माध्यम से डरवा कर छापे मारवा कर गलत कार्यवाही करवा कर इलेक्टोरल बांड के माध्यम से वसूली करवाया। इलेक्टोरल बांड के माध्यम से मोदी सरकार ने घूस भी वसूला। जिन कंपनियों ने भाजपा को चुनावी चंदा दिया उनको हजारो करोड रू. के ठेके दिये गये। जिन कंपनियों ने भाजपा को चंदा दिया उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग की कार्यवाही मोदी सरकार ने रोकवा दी। इलेक्टोरल बांड से जुड़ी जानकारी सामने आने के बाद यह साफ हो गया की भाजपा ने अपने आर्थिक लाभ के लिए सारा षडयंत्र किया। इसीलिए स्टेट बैंक इसको छुपाना चाह फिर थी जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार 1.300 से अधिक कंपनियों व व्यक्तियों ने इलेक्टोरल बांड के रूप में दान दिया है। 2019 के बाद से भाजपा को 6,000 करोड़ से अधिक का दान मिला है।ऐसी कई कंपनियों के मामले हैं जिन्होंने इलेक्टोरल बांड दान किया है और इसके तुरंत बाद इन कपंनियों ने मोदी सरकार से भारी लाभ प्राप्त किया है।
विदित हो कि – मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा ने 800 करोड़ रुपए से अधिक इलेक्टोरल बॉन्ड में दिए हैं। अप्रैल 2023 में उन्होंने 140 करोड़ डोनेट किया और ठीक एक महीने बाद, उन्हें 14, 400 करोड़ रुपए की ठाणे- बोरीवली ट्विन टनल प्रोजेक्ट मिल गया। जिंदल स्टील एंड पावर ने 7 अक्टूबर 2022 को इलेक्टोरल बॉन्ड में 25 करोड़ रुपए दिए और सिर्फ 3 दिन बाद वह 10 अक्टूबर 2022 को गारे पाल्मा 4/6 कोयला खदान हासिल करने में कामयाब हो गया। भाजपा ने इलेक्टोरल बांड के माध्यम से हफ्ता वसूली किया। ईडी सीबीआई आईटी के माध्यम से किसी कंपनी पर छापा मारो और फिर कंपनी की सुरक्षा के लिए हफ्ता (दान) वसूला । शीर्ष 30 चंदा दाताओं में से कम से कम 14 पर छापे मारे गए हैं। इस साल की शुरुआत में एक जांच में पाया गया कि ईडी/सीबीआई/आईटी छापे के बाद कंपनियों को चुनावी ट्रस्टों के माध्यम से भाजपा को दान देने के लिए मजबूर किया गया था। हेटेरी फार्मा और यशोदा अस्पताल जैसी कई कंपनियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से चंदा दिया है। इनकम टैक्स विभाग ने दिसंबर 2023 में शिरडी साई इलेक्ट्रिकल्स पर छापा मारा और जनवरी 2024 में उन्होंने इलेक्टोरल बाढ के माध्यम से 40 करोड़ रुपए का दान दिया।पयूचर गेमिंग एड होटल्स ने 1200 करोड़ रुपए से अधिक का दान दिया है , जो इसे अब तक के आंकड़ों में सबसे बड़ा दान देने वाला बनाता है । आप क्रोनोलॉजी समझिए 2 अप्रैल 2022 रु ईडी ने फ्यूचर पर छापा मारा. और 5 दिन बाद (7 अप्रैल) को उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड में 100 करोड़ रुपए का दान दिया। अक्टूबर 2023 रू आईटी विभाग ने पयूचर पर छापा मारा और उसी महीने उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड में 65 करोड़ रुपए का दान दिया।
विधायक श्रीमती उत्तरी गनपत जांगड़े ने कहा कि – इलेक्टोरल बांड के माध्यम से मोदी सरकार ने रिश्वत लेने का नया तरीका खोजा। आंकड़ों से एक पैटर्न उभरता है जिसमें केंद्र सरकार से कुछ मदद मिलने के तुरंत बाद कंपनियों ने चुनावी बांड के माध्यम से एहसान चुकाया है।वेदांता को 3 मार्च 2021 को राधिकापुर पश्चिम प्राइवेट कोयला खदान मिला, और फिर अप्रैल 2021 में उन्होंने चुनावी बांड में 25 करोड़ रुपए का दान दिया। मेघा इंजीनियरिंग एड इंफ्रा को अगस्त 2020 में 4,500 करोड़ का जोजिला सुरंग प्रोजेक्ट मिला फिर अक्टूबर 2020 में उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड बांड में 20 करोड़ रुपए का दान दिया। मेघा को दिसंबर 2022 में बीकेसी बुलेट ट्रेन स्टेशन का कॉन्ट्रैक्ट मिला, और उन्होंने उसी महीने 56 करोड़ रुपए का दान दिया।इलेक्ट्रोरल बांड घोटाला भाजपा कि – बद नियति भ्रस्टाचार का सबसे बड़ा सबूत है भाजपा ने ईडी आईटी सीबीआई को अपना चंदावसूली एजेंट बना दिया था । कांग्रेस पार्टी राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट व चुनाव आयोग से मांग करती है कि – इस कदाचरण के लिए भाजपा कि मान्यता समाप्त कर उसके चुनाव लडऩे पर प्रतिबंध लगाया जाय। ईडी और भाजपा ने मिलकर भूपेश बघेल की छवि खराब करने षडयंत्र किया भाजपा ईडी, महादेव रेप के कर्ताधर्ता के बीच क्या संबंध है पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ ईडी के पत्र के आधार पर ईओडब्लू के द्वारा लिखी गई एफआईआर पर कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया है। ईडी की जांच , ईओडब्लू के एफआईआर में राजनैतिक षडयंत्र साफ दिख रहा है।
लोकसभा चुनाव के पहले ही यह एफआईआर क्यों दर्ज की गई। ईडी की सारी कार्य वाहियों की टाइमिंग भाजपा के राजनैतिक लाभ पहुंचाने वाली ही क्यों होती है? ईओ डब्लू बताये -केन्द्र सरकार महादेव ऐप पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा रही? पूर्व मुख्य मंत्री के खिलाफ दर्ज किये गये एफआईआर का आधार क्या है? जिस असीम दास से ईडी ने रुपये बरामद किया था उसके पास रुपये कहां से आया? ईडी ने उसकी जांच क्यों नहीं किया। अरुण मालाकार जिला अध्यक्ष कांग्रेस, विधायक श्रीमती उत्तरी गनपत जांगड़े, गनपत जांगड़े, ब्लॉक अध्यक्ष पुरुषोत्तम साहू, पूर्व ब्लाक अध्यक्ष संजय दुबे, प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रतिनिधि सूरज तिवारी, नगर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष पवन अग्रवाल, जिला अध्यक्ष शुभम बाजपेई, जिला उपाध्यक्ष राजकमल अग्रवाल, एनएसयूआई अध्यक्ष अभिषेक शर्मा, जिला महामंत्री गोल्डी नायक, के साथ पत्रकार मिलाप बरेठा, ओमकार केसरवानी, राजा खान, गोपेश रंजन द्विवेदी, राजमणि केसरवानी, मिलन दास, दिलीप टंडन, संतोष जायसवाल के साथ भरत अग्रवाल उपस्थित थे।
विधायक उत्तरी जांगड़े ने की भाजपा की सच्चाई उजागर
