रायगढ़। एक पुलिस कर्मी के निर्माणाधीन मकान को गोचर भूमि का हवाला देते हुए स्थानीय सरपंच द्वारा तहसील कार्यालय में शिकायत किया गया था, जिसका विगत तीन साल से मामला लंबित है, ऐसे में जब पुलिसकर्मी अपने ड्यूटी पर चला गया तो चार दिन पहले बगैर नोटिस दिए ही बाउंड्रीवाल को तोड़ दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि पुसौर ब्लाक के ओड़ेकेरा ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम सराईपाली-गुड़ीडीपा में बैशाखु चौहान पुलिस विभाग में नारायणपुर थाना में पदस्थ है, जिससे उसके परिजन सराईपाली में रहते हैं, ऐसे में बैशाखु चौहान का मकान सराईपाली में करीब 30 साल से है, लेकिन अब बैशाखु चौहान द्वारा पुराने मकान को ढहाकर नया मकान बनाया जा रहा है। जिसे गांव का सरपंच गोचर भूमि का हवाला देकर निर्माण रोकने के लिए विगत दिनों तहसील कार्यालय में आवेदन दिया गया था, जिससे शासन द्वारा चार दिन पहले नवनिर्मित बाउंड्रीवाल को ढहा दिया गया है। ऐसे में अब प्रधान आरक्षक बैशाखु चौहान का कहना है कि इस गांव में जितने भी मकान है, सभी शासकीय भूमि में ही बना है, लेकिन अन्य मकानों में सरपंच द्वारा कोई आपत्ति नहीं लगाई जा रही है और एक मकान में ही आपत्ति लगाई गई है। साथ ही पीडि़त का कहना है कि उक्त भूमि का मामला विगत 2021 से तहसील कार्यालय में चल रहा है जो अभी भी लंबित है। ऐसे मेें बगैर सूचना के ही उसके बाउंड्रीवाल को गिरा दिया गया है। जिसको लेकर पीडि़त परिवार काफी आहत है। वहीं पीडि़त बैशाखु चौहान यह भी आरोप लगाया है कि सराईपाली बस्ती के सभी मकान शासकीय भूमि में बना है, साथ-साथ नाला के ऊपर भी मकान निर्माण कराया गया है, जो सरपंच के अनुमति से उसमें इंदिरा आवास भी पास हो चुका है। ऐसे में पीडि़त परिवार का कहना है कि विगत लंबे समय से सरपंच रंजिस रखा हुआ है, जिसके चलते मकान में बार-बार रोक लगाया जा रहा है।
पुरानी रंजिस का आरोप
इस संबंध में पीडि़त बैशाखु चौहान का कहना है कि विगत लंबे समय से सरपंच से विवाद चलता आ रहा है, क्योंकि यहां जात-पात को लेकर हमेशा दबाया जाता है। इसी बात को लेकर सरपंच द्वारा आपत्ति लगाई गई है, पूर्व में भी जब तहसील में आपत्ति लगाई गई थी, तब यह बताया गया था कि उक्त भूमि गौचर है, लेकिन अब यह बात सामने आ रही है कि उक्त भूमि गौचर नहीं बल्कि छोटे झाड़ के जंगल में आता है, जिसके चलते रोक लगाई जा रही है। ऐसे में अब पीडि़त का कहना है कि अगर शासकीय भूमि को खाली कराना है तो पूरे गांव को खाली कराया जाए, जिससे उसको किसी भी प्रकार की आपत्ति नहीं होगी।
सरपंच पर भी कब्जा का आरोप
सराईपाली निवासी बैशाखु चौहान का आरोप है कि सरपंच हीराधर साहू खुद तालाब को पाटकर मकान और दुकान का निर्माण किया है। साथ ही यहां के कई पंच भी शासकीय भूमि को कब्जाकर उसमें खेती-बाड़ी कर रहे हैं, इसके साथ ही कुछ दिन कब्जा के बाद उक्त भूमि को बेच दिया जाता है, जिससे देखा जाए तो शासकीय भूमि पर लगातार कब्जा हो रहा है।
मकान बनाने के लिए हमारे द्वारा कोई आपत्ति नहीं किया गया है। मकान के अलावा नाला की जमीन पर निर्माण चल रहा था, जिसका मामला लंबे समय से चल रहा है। जिससे प्रशासन द्वारा शनिवार को अवैध कब्जे में खड़ी एक दिवार ढहाया गया है।
-हीराधर साहू, सरपंच
ओड़ेकेरा ग्राम पंचायत
छोटेझाड़ के जंगल की जमीन पर अवैध कब्जा किया जा रहा था, जिसकी शिकायत सरपंच द्वारा किया गया था। वहीं प्रतिवेदन मंगाकर अवैध कब्जा पर कार्रवाई किया गया है।
पंकज मिश्रा, नायब
तहसीलदार, पुसौर