रायपुर। छत्तीसगढ़ में भी महा शिवरात्रि का पर्व पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया जा रहा है। अलग-अलग जिलों में सुबह से ही शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ी है। ऊँ नम: शिवाय से मंदिर गूंज रहे हैं। रायपुर, दुर्ग, गरियाबंद, बिलासपुर, सरगुजा समेत सभी जिलों में भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए मंदिरों में लंबी कतार लगी है।
महा शिवरात्रि पर इस बार कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। महा शिवरात्रि के दिन चतुर्दशी तिथि के साथ त्रयोदशी भी है। इसलिए शुभ मुहूर्त में पूजन करने से भक्तों पर भगवान शिव की विशेष कृपा होगी। महा शिवरात्रि पर चार पहर की पूजा करने का भी विधान है।
शिवरात्रि पर हटकेश्वर महादेव मंदिर में भारी भीड़
राजधानी रायपुर के शिवालयों में भी महा शिवरात्रि का उत्साह देखते ही बन रहा है। सुबह 5 बजे से महादेव घाट स्थित हटकेश्वर महादेव मंदिर में भक्त पहुंचने लगे। दोपहर तक मंदिर में लोगों की भारी भीड़ रही। आज रायपुर में अलग-अलग मंदिरों से शिवजी की बारात निकाली जा रही है। बाबा हटकेश्वर नाथ मंदिर में विवाह की तीन दिवसीय रस्मों की शुरुआत बुधवार से हुई थी।
दुर्ग में शिवनाथ नदी तट के शिवालयों में सुबह 4 बजे से श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया। शिवालयों में पंचाक्षरी मंत्र, महामृत्युंजय जाप और हर-हर महादेव के जयकारे के साथ शंख और घंटे की गूंज से शहर में माहौल भक्तिमय हो गया है।
जांजगीर-चांपा में महाशिवरात्रि पर हर हर महादेव से गूंजा शिवालय
जांजगीर-चांपा जिले में महाशिवरात्रि के मौके पर पीथमपुर में बाबा कालेश्वर नाथ, नवागढ़ में बाबा लिंगेश्वर और खरौद में बाबा लक्ष्मणेश्वर मंदिरों में सुबह 4 बजे से ही भक्तों की लंबी कतार जल अभिषेक करने के लिए लगी रही। हर हर महादेव के नारे से पूरा शिवालय गूंज उठा। पीथमपुर में बाबा कालेश्वरनाथ 400 सालों से मौजूद हैं। वहीं मान्यता है कि नवागढ़ में बाबा लिंगेश्वर की उत्पत्ति धरती माता की गोद से हुई है, जिनका आकार लगातार बढ़ रहा है। साथ ही माना जाता है कि खरौद में विराजित लक्ष्मणेश्वर मंदिर की स्थापना भगवान लक्ष्मण ने की थी, जिसमें सवा लाख छिद्र हैं। बालोद के प्राचीन कपिलेश्वर शिव मंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर विशेष मेले का आयोजन किया जा रहा है। सुबह से ही भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए लोग दूर-दूर से यहां पहुंचे हुए हैं।
गरियाबंद के भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना
गरियाबंद में स्थित विश्व के सबसे विशालतम शिवलिंग भूतेश्वर नाथ महादेव में आज पूजा-अर्चना के लिए सुबह से भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। ये पहला मौका होगा जब गरियाबंद से भूतेश्वरनाथ तक उज्जैन की तर्ज पर बाबा की शाही पालकी निकलेगी। भगवान की बारात भी निकाली जाएगी। युवाओं की टोली भूत-पिशाच की पोशाक पहन उसी दृश्य को जीवंत करेगी। मान्यता है कि जब भगवान भोलेनाथ की शादी हुई थी, तो भूत-पिशाच उनकी ओर से बाराती बनकर माता पार्वती को लाने गए थे।
ओम् नम: शिवाय से गूंज उठे छत्तीसगढ़ के शिवालय, भक्तों की उमड़ी भीड़
