पखांजुर से हरण बिस्वास की रिपोर्ट
पखांजुर। जागृति मंच ने पखांजुर में नेताजी चौक पर एच एस आर ए के कमांडर-इन-चीफ -शहीद चंद्रशेखर आजाद का शहदत दिवस में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया।एच नायक ने ,ननी,कल्पना चंद अदी ने आजाद का छायाचित्र पर माल्यार्पण की। देशभक्ति गीतों कि प्रस्तुत कल्पना ने की। पटेल,उत्तम मण्डल,जागृति मंच सचिव निवास अधिकारी आदि ने सभा अभिवादन करते हुए कहाँ है कि चंद्रशेखर देश के महान क्रांतिकारी विर योद्धा ने वतन आजाद करने के लिए छोटे उम्र से देश सेवा में लग गये ।असहयोग आन्दोलन में कुद परे तब उनका उम्र 14 साल के थे, उनके देश प्रेम और आन्दोलन सफल करने के लगन ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने लगे। ऐस समय अंग्रेज प्रशासक नाराज होकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया ।जब कोर्ट में जज के सामने प्रस्तुत किए और जज ने उनका नाम पूछा तो पूरी दृढ़ता से जैसे बुलंद आवाज में उन्होंने अपना नाम आजाद बोले, पिता का नाम पूछने पर बिजली कडक़तीसी ओर जोर आवाज में बोले, स्वतंत्रता, पता पूछने पर बोले- जेल, उत्तर सुनकर जज भयंकर क्रोधित हुआ क्योंकि गुलाम प्रजा कि ऊंची आवाज और नजरों में क्रांति का शोला नजर आया तब उस शोले को जज ने बुझाने कि कोशिश में उन्हें सरेआम बेरहमी से 15 कोड़े लगाने की सजा सुनाई । सिपाही छोटे बच्चे कैसे 15 कोड़े सहन करेंगे उनके हाथ बांधने लगे एक झटके में सिपाही को दुर फेंक दिया और बोले कि मेरे हाथ बांधने कि जरूरत नहीं आपके कोड़े मैं अडिग रहकर सहुंगा।खड़े-खड़े कोड़े का दर्द सहते रहे लहुलुहान होते गये देश कि आन- बान – शान – सुदृढ़ करते गये और देश को भक्ति और प्रेरणा दायक नारा लगाते रहे। तब से देश दुनिया के लोग चन्द्रशेखर को आजाद के नाम से पुकारने लगे।हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन ( एचएसआरए )देश में समाजवादी वतन बनाने का सपना लेकर अपनी जान कि कुर्बानी दी ।महान शहिदों कि सपनो को सफल करने का ऐतिहासिक जिम्मेदारी एवं कर्तव्य देश कि तमाम पिड़ीओं पर हैं।देश ने जिसको जहां जिम्मेदारी निभाने का मौका मिला उसे शतप्रतिशत निभाने का कर्तव्य निष्ठा के साथ ईमानदारी से पालनकरने कि अपील किया।सुजता,अशोक,प्रभाष, ज्योत्सना,बुद्धिजीवी एवं तमाम गणमान्य नागरिकों ने फुल-माला चड़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित किया।
चंद्रशेखर आजाद शहादत दिवस के अवसर पर जाग्रति मंच ने की श्रद्धांजलि अर्पित
