रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही लगातार कांग्रेस संगठन में बदलाव की चर्चा जोरों पर है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने भी बहुत जल्द पार्टी संगठन में बदलाव की बात कही है। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द संगठन में बदलाव होगा और कुछ नए लोगों को जिम्मेदारी दी जाएगी। दीपक बैज ने कहा कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ये जिम्मेदारियां दी जाएंगी, ताकि संगठन में और मजबूती के साथ कसावट आ सके। लोकसभा चुनाव से पहले बदलाव की एक्सरसाइज कर ली जाएगी, ताकि नई ऊर्जा और नई टीम के साथ इलेक्शन लड़ा जाए।
रायपुर समेत 12 से ज्यादा जिलाध्यक्ष बदले जाएंगे
संगठन के फोकस पर वे जिले हैं, जहां पार्टी को उम्मीद के उलट नतीजे मिले। ऐसे में रायपुर शहर-ग्रामीण, दुर्ग, कवर्धा, बलौदाबाजार, महासमुंद, बलरामपुर, कोरिया, सरगुजा, रामानुजगंज, बैकुंठपुर, कोरबा, सक्ती, राजनादगांव ग्रामीण और बिलासपुर समेत ज्यादातर जिलों के अध्यक्ष बदले जा सकते हैं। इन जिलों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है।
ज्यादातर नाम तय
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों की मानें, तो नई लिस्ट के लिए लगभग नाम तय कर लिए गए हैं। इनमें कई युवा चेहरों को भी शामिल किया गया है। हाईकमान को हरी झंडी मिलते ही सूची जारी की जाएगी।
जिला अध्यक्षों के बदलाव के साथ-साथ जो पद खाली हैं, उन पर भी जल्द नियुक्ति होगी। विधानसभा से पहले और बाद में कई नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया, तो कुछ ने खुद कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया है, नई सूची में इन पदों पर भी नियुक्तियां होंगी।
जिलाध्यक्षों की भूमिका पर उठे सवाल
चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी नए सिरे से इसकी समीक्षा कर रही है कि किन जिलों में पार्टी को भारी नुकसान हुआ। वहां पर जिला अध्यक्षों की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। यहां संगठन के स्थानीय विधायकों से समन्वय और बाकी मामलों की समीक्षा की जा रही है।
दीपक बैज के अध्यक्ष बनने के बाद बदले गए थे कुछ जिलाध्यक्ष
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर दीपक बैज की नियुक्ति चुनाव के 4 महीने पहले हुई थी। इससे पहले क्कष्टष्ट की कमान मोहन मरकाम के हाथों में थी। उन्होंने संगठन में अपने अनुसार जिला और ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति की थी। नए अध्यक्ष के आने के बाद जगदलपुर और एक-दो जगहों के जिला अध्यक्षों को बदला गया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी से प्रस्ताव का इंतजार कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सभी नेता पीसीसी के प्रस्ताव का इंतजार कर रहे हैं। प्रदेश स्तर पर प्रस्ताव भेजे जाने के बाद ही नियुक्तियां शुरू होंगी। हालांकि दावेदारों ने छत्तीसगढ़ के सीनियर नेताओं से लेकर दिल्ली तक अपनी दौड़ शुरू कर दी है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश कांग्रेस में अंतर्कलह उफान पर है, ऐसे में लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी को खड़ा करना बड़ी चुनौती है।
कांग्रेस संगठन में बहुत जल्द होगा बदलाव
