रायगढ़। छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा प्रदूषित कहे जाने वाले रायगढ़ जिले के तमनार क्षेत्र में भी उद्योगों का विस्तारीकरण लगातार जारी है। जिला प्रशासन और सरकारी सिस्टम पूरे तमनार एरिया में बृहद उद्योगों को फलने फूलने के लिए खुली छूट दे रखा है। पहले से बदसूरत अबो- हवा वाले तमनार के बजरमुडा में एक और फैक्ट्री शारदा एनर्जी एंड मिनिरल्स को कई गुना विस्तार की अनुमति देने के लिए पूरा सिस्टम लग गया है, जिसकी जनसुनवाई 1 मार्च को रखी गई है। इस उद्योग के विस्तार से बजरमुडा, ढोलनारा ही नहीं बल्कि पूरा तमनार कालिख के चपेट में आ जाएगा।
आदिवासी क्षेत्र तमनार में जिस गति से शासन प्रशासन भारी उद्योगों की स्थापना व कोल माइंस को बढ़ावा दे रहा है उससे आने वाले दिनों में यह क्षेत्र इंसानों के रहने लायक नहीं रह जाएगा। वर्तमान में जो स्थिति जग जाहिर है कि यह क्षेत्र पूरे छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा प्रदूषण वाला क्षेत्र कहा जाता है जो खुद शासकीय रिपोर्ट में दर्ज है। जिस बुनियाद पर तमनार को औद्योगिक क्षेत्र बनाया गया था वह बुनियाद कहीं नजर नहीं आता है।
इन कोल कंपनियां व उद्योगों के सीएसआर और डीएमएफ के नाम पर जो फंड जारी किया जाता है वह इस क्षेत्र में कहीं नजर नहीं आता। बीते चार दशक में पूरा तमनार कोयला खनन और औद्योगिक विस्तार से खोखला हो गया है।
कृषि जमीन खोकर किसान बने मजदूर
शासन प्रशासन की दोहरी नीति और इस क्षेत्र को औद्योगिक डंप एरिया बनाने में अब तक जारी है। यहां पहले से बजरमुडा ढोलनारा में मेसर्स शारडा एनर्जी और मिनरल्स प्लांट स्थापित है। प्लांट स्थापना के पहले जिन आदिवासियों से यह कहकर इस कंपनी ने जमीन ली थी कि वह उनके पुनरुत्थान, उनके रोजगार, उनके स्वास्थ्य आदि के लिए कार्य करेगा लेकिन प्लांट स्थापना के बाद अपनी कृषि जमीन खोकर लोग उसी प्लांट के मजदूर बन गए हैं। जो कोयला उठाने का काम कर रहे हैं। आज 10 सालों बाद फिर इस फैक्ट्री के विस्तार की कार्यवाही शुरू की जा रही है। यह विस्तार इस बार 2 गुना से 10 गुना तक का रहेगा।
फर्जी इआईए रिपोर्ट के आधार पर विस्तार की अनुमति !
लोग इसका विरोध कर रहे हैं वे नहीं चाहते कि और कोई प्लांट का विस्तार इस तमनार एरिया में हो लेकिन लोगों के चाहने नहीं चाहने से शासन प्रशासन को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। उद्योगपति की दलाली में व्यस्त अधिकारी इतने अंधे हो चुके हैं कि उन्हें सबसे प्रदूषित क्षेत्र वाले तमनार में अब भी अपनी तिजोरी भरने भरने की दिलचस्पी दिखाई देती है। यही कारण है की फर्जी इआईए रिपोर्ट के आधार पर प्लांट के विस्तार की अनुमति दी जा रही है।
1 मार्च को होनी वाली है जनसुनवाई
शारडा एनर्जी एंड मिनरल्स के क्षमता विस्तार के लिए 1 मार्च को जनसुनवाई का आयोजन किया जा रहा है जो बजरमूडा मैदान में किया जाएगा यहां भी फर्जी आई रिपोर्ट के आधार पर कंपनी के ही कर्मचारी मजदूरों के सहमति का हस्ताक्षर लेकर कंपनी को फिर से विस्तारीकरण के लिए तैयार कर लिया जाएगा। और जो लोग विरोध कर रहे हैं वे मुह ताकते रह जाएंगे। इसके बाद यह पूरा एरिया प्रदूषण की काली की चादर में समा जाएगा और अंतत: यह तमनार इंसानों के रहने के लायक नहीं रह जाएगा।
तमनार को कालिख में तब्दील कर देगा शारडा इनर्जी एंड मिनरल लिमिटेड का विस्तार
