रायगढ़। जिला मुख्यालय रायगढ़ में लंबे समय से एक सर्व सुविधायुक्त अंतर्राज्जीय बस स्टैंड की मांग उठ रही है, लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य गठन के 23 साल बाद भी रायगढ़ में ऐसी सुविधा का लाभ यात्रियों को नहीं मिल पाया है। खास बात यह है कि जशपुर जिले में रेल लाइन नहीं होने के कारण यात्रियों के लिए बस सेवा ही आवागमन का एक बड़ा माध्यम है। रायगढ़ से जशपुर एवं जशपुर से झारखंड की यात्रा करने वालों को रायगढ़ से ही बस सेवा का उपयोग करने की आज की एक बड़ी मजबूरी है। रायगढ़ एवं जशपुर जिले को जोडऩे वाली बस सेवा का यहां बीते कई वर्षों से संचालन हो रहा है, अविभाजित रायगढ़ जशपुर जिला के दौरान शहर के केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड से राज्य परिवहन की बसों का संचालन शुरू हुआ। अब राज्य परिवहन की बसों की जगह निजी यात्री बसों से रायगढ़ जशपुर जिला परिवहन की दृष्टि से जुड़ा हुआ है। मौजूदा दौर में केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड से 100 से अधिक बसों का संचालन हो रहा है, जहां सुविधाओं की कमी साफ झलकती है। लेकिन शासन प्रशासन की ओर से अब तक कोई ऐसी पहल नहीं की जा सकी, जिससे सीमित जगह पर संचालित इस बस स्टैण्ड में बसों का ठहराव और परिचालक निजी बस मालिक करने मजबूर हैं। और यात्रियों के सामने भी कोई अन्य विकल्प नहीं है। प्रदेश में भाजपा की नई सरकार बनने से लोगों की उम्मीदें बढ़ गई है कि प्रदेश की विष्णुदेव सरकार जशपुर और रायगढ़ की लाइफ लाइन मानी जाने वाली यात्री बसों के संचालन एवं यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने रायगढ़ में एक सर्वसुविधायुक्त अंतर्राज्जीय बस स्टैंड की सौगात देगी। दरअसल रायगढ़ शहर से मौजूदा दौर में झारखंड, बिहार, उड़ीसा सहित जशपुर जिला, कोरबा, अंबिकापुर, बिलासपुर, रायपुर, सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के अलावा जांजगीर चांपा, सक्ति जिले के अलग-अलग स्थानों के लिए यात्री वर्षों का संचालन हो रहा है। रायगढ़ शहर में तीन बस स्टैंड होने की बात कही जाती है, जिसमें ट्रांसपोर्ट नगर से बिलासपुर और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की ओर जाने वाली करीब 50 बसों का संचालन होता है। जबकि चक्रधर नगर स्थित बस स्टैंड से एकमात्र बस उड़ीसा के लिए संचालित होती है। शहर के हृदय स्थल में स्थित केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड से सबसे ज्यादा 100 से अधिक बसों का संचालन मौजूद दौर में हो रहा है। बताया जाता है कि वर्षों से केवड़ाबाड़ी बस स्टैण्ड में बसों का संचालन शुरू हुआ और अविभाजित मध्य प्रदेश के जमाने में वर्ष 1994-95 में बस स्टैंड भवन का आधुनिकीकरण किया गया। चूंकि यहां से जशपुर के लिए ज्यादातर यात्री बसों का संचालन होता रहा है। जिससे यात्री सुविधा की दृष्टि से रैनबसेरा भी संचालित की गई। राज्य परिवहन की बसों के संचालन के दौर में इसी बस स्टैंड से अंबिकापुर, इलाहाबाद और झारखंड जाने के लिए बसों का आवागमन होता रहा। धीरे-धीरे निजी यात्री बसों का संचालन भी शुरू हुआ और एक वक्त आया कि राज्य परिवहन की बस सेवाएं पूरी तरह से बंद कर दी गई। लोगों का कहना है कि राज्य परिवहन के बसों के संचालन के दौर में इस बस स्टैंड के रखरखाव व मरम्मत की ओर ध्यान दिया जाता रहा। लेकिन उसके बाद इस बस स्टैंड को उसके ही हाल पर छोड़ दिया गया। उस दौरान बस स्टैंड के संचालन का दायित्व नगर पालिका परिषद करती थी। वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद जशपुर और रायगढ़ जिले के लोगों की उम्मीद बंधी थी कि नए राज्य के गठन के साथ इस बस स्टैंड का कायाकल्प कर यात्री सुविधाओं का विस्तार हो जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो पाया। मौजूदा दौर में यात्री प्रतीक्षालय और बस स्टैंड में अन्य सुविधाओं का विस्तार तो नहीं हुआ लकिन नगर निगम के कार्यकाल में बस स्टैंड भवन के प्रथम तल में डे एन यू एल एम रायगढ़ नगर पालिका निगम द्वारा आश्रय स्थल का निर्माण कर यात्रियों के ठहरने के लिए संचालित किया जा रहा है। लेकिन आज भी यात्री प्रतीक्षालय के बाहर उसी स्थल पर बस खड़ी रहती है जिस जगह पर 1994-95 में बसों को स्टैंड पर लगाया जाता था। बस स्टैंड में कहीं भी यात्रियों के चढऩे उतरने के लिए प्लेटफार्म नहीं है। ऐसी ही स्थिति में वर्षों से यहां बस स्टैंड का संचालन हो रहा है। अब प्रदेश में विष्णु देव साय के नेतृत्व में भाजपा की नई सरकार का गठन हुआ है तो लोगों की उम्मीदें बढ़ गई है कि मुख्यमंत्री श्री साय जशपुर जिले के निवासी हैं तो वे स्वयं रायगढ़ से जशपुर और झारखंड जाने वाले यात्रियों के दर्द को महसूस कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में माना जा रहा है कि प्रदेश की नई सरकार रायगढ़ में सर्व सुविधायुक्त बस स्टैंड का निर्माण करने में गंभीरता अवश्य दिखाएंगी। बहरहाल रायगढ़ में यात्री बसों के संचालन के लिए सर्व सुविधायुक्त अंतर्राज्जीय बस स्टैंड की मांग तो उठ रही है, अब देखना है कि जिला प्रशासन, निगम प्रशासन और राज्य शासन इस दिशा में क्या पहल करती है?
ऑटो रिक्शा का भी स्टैंड भी नहीं
केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड में बसों के ठहराव के दौरान इतनी जगह नहीं रहती कि सुचारू रूप से यात्रियों को ऑटो रिक्शा में उसी स्थल पर उपलब्ध हो जाए। खास बात है कि यह है कि ऑटो रिक्शा के लिए स्टैंड भी नहीं है। जिससे यात्री वर्षों के आने पर ऑटो रिक्शा की ऐसी भीड़ लगती है जिससे पैदल यात्रियों को बस स्टैंड से बाहर निकल पाना मुश्किल हो जाता है। ऑटो रिक्शा चालकों का भी कहना है कि उनके लिए स्टैंड नहीं होने के कारण उन्हें ऑटो रिक्शा खड़ा करने में परेशानी होती है। कई बार यात्रियों को बस स्टैंड में लाने के दौरान लोगों से विवाद की स्थिति भी उत्पन्न होती है। लेकिन मजबूरी में ऑटो रिक्शा चालक सब कुछ सह लेते हैं। ऑटो रिक्शा चालक भी मानते हैं कि रायगढ़ शहर में नया बस स्टैंड का निर्माण किया जाना चाहिए जहां सभी तरह की सुविधा उपलब्ध हो। बताया जाता है केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड पर प्रतिदिन करीब 50 ऑटो रिक्शा आते हैं। लेकिन इन ऑटो रिक्शा को खड़ा रखने के लिए स्टैंड की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण ऑटो रिक्शा चालकों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
शौचालय की भी पर्याप्त सुविधा नहीं
केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड में बरसों से बसों का संचालन हो रहा है। जहां प्रतिदिन हजारों यात्रियों का आना-जाना होता है। लेकिन शौचालय की पर्याप्त सुविधा नहीं है। यहां सुलभ शौचालय की स्थिति भी जीर्ण-शीर्ण है। बस स्टैंड परिसर में लघु शंका जाने के लिए लोगों को भटकना पड़ता है। एकमात्र पुराना जीर्ण-शीर्ण यूरिनल पर ही लोगों की निर्भरता रहती है। हजारों की संख्या में आने-जाने वाले यात्रियों के लिए शौच की पर्याप्त सुविधा बेहतर साफ-सफाई व्यवस्था के साथ न हो पाना यात्रियों के लिए बेहद शर्मनाक स्थिति को उत्पन्न करता है।
बस स्टैंड परिसर में ट्रैफिक का दबाव
केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड में साल दर साल ट्रैफिक का दबाव बढ़ता जा रहा है। लेकिन इस ट्रैफिक को कभी भी दुरुस्त करने का प्रयास नहीं किया जा सका। बताया जाता है कि केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड में पुलिस सहायता केंद्र संचालित है। लेकिन पुलिस की मौजूदगी ज्यादातर समय नहीं रहती। जिससे बस स्टैंड परिसर में बसों के अलावा अन्य वाहनों की आने-जाने पर जाम की स्थिति होने से लोग एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप मड़ते नजर आते हैं। कई बार विवाद बेहद गर्मा भी जाता है जिससे यात्रियों को परेशानी होती है। लोगों का कहना है कि बस स्टैंड में शहर के ज्यादातर लोगों का दो-पहिया चार-पहिया वाहनों से आना जाना होता है। यहां संचालित भोजनालय, चाय नाश्ता की दुकान, पान दुकानों के सामने वाहनों की कतार लगी रहती है। जिससे यात्री बसों के आवागमन में कई बार बड़ी दिक्कत होती है। लेकिन ट्रैफिक के बढ़ते दबाव को सुचारू रखने की दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं होती जिसका खामियाजा बस चालकों को भोगना पड़ता है।
निगम की ओर से भी सार्थक पहल नहीं!
केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड से यात्री बसों के संचालन में हो रही दिक्कतों को लेकर कई बार शहर के लोगों की ओर से इस बस स्टैंड को अन्यत्र शिफ्ट करने की आवाज उठाई जाती रही। लेकिन कमजोर इच्छाशक्ति होने की वजह से अब तक नए स्थान पर बस स्टैंड का निर्माण व इसे शिफ्ट करने के लिए सार्थक पहल नहीं हो पाने की बातें कही जा रही है। नगर पालिक निगम के पूर्व सभापति सलीम नियारिया का कहना है कि निगम की ओर से बस स्टैंड के लिए स्थल उपलब्ध कराने शासन को पत्र प्रेषित किया गया था। साथ ही शहर के दीनदयाल पुरम क्षेत्र में खाली प्लाट करीब साढे 5 एकड़ पर स्थल बस स्टैंड के लिए प्रस्तावित किया गया था। हालांकि निगम में इस आशय का अब तक कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया जा सका है। जिससे शहरवासियों का मानना है कि निगम प्रशासन नए बस स्टैंड के निर्माण के लिए गंभीर नहीं रहा। लोगों का कहना है कि प्रदेश में भाजपा की नई सरकार बनने से अब एक नई उम्मीद जागी है।
सर्व सुविधायुक्त बस स्टैंड की अब तक नहीं मिली सौगात
अंतर्राज्जीय बस सेवाओं का वर्षों पुराने केवड़ाबाड़ी स्टैंड से संचालन, केवड़ाबाड़ी से 100 से अधिक चलती है बसें, हजारों यात्रियों का हर रोज आना-जाना
