रायपुर। नक्सली लीडर माड़वी हिड़मा छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर मरेडमिल्ली जंगल में मंगलवार सुबह हुए एनकाउंटर में मारा गया। जिसे लेकर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि राज्य और केंद्र की संयुक्त कार्रवाई तेज है। हालात ऐसे ही रहे तो मार्च 2026 से पहले भी नक्सलवाद पूरी तरह खत्म हो सकता है।
हालांकि, सिंहदेव ने साफ कहा कि नक्सलवाद खत्म होने का दावा तभी स्वीकार किया जा सकता है जब ग्राउंड पर मौजूद लोग यह बताएं कि गतिविधियां रुक गई हैं। उन्होंने कहा कि दो सालों में इस मोर्चे पर कार्रवाई तेज हुई है, लेकिन यह लंबी प्रक्रिया है। सिंहदेव ने यह भी याद दिलाया कि कांग्रेस सरकार के समय भी कई बड़े एनकाउंटर हुए थे। सिल्गेर की घटना उसी समय की है। नक्सलवाद खत्म करने का काम एक दशक से लगातार चल रहा है। इस पर श्रेय लेने की राजनीति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने ने हिड़मा के मारे जाने को महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि हिड़मा मारा गया, पर झीरम घाटी हमले का न्याय अभी भी बाकी है। बता दें कि सुरक्षा बलों ने माडवी हिडमा, उसकी पत्नी राजे उर्फ रजक्का और 4 अन्य नक्सलियों को भी ढेर किया है। हिड़मा पर 1 करोड़ रुपए का इनाम था। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, हिडमा का खत्म होना नक्सल संगठन के लिए बड़ा झटका है और दक्षिण बस्तर में उसकी पकड़ कमजोर पड़ेगी। हिड़मा पिछले 2 दशक में हुए 26 से ज्यादा बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड रहा है। इसमें 2010 दंतेवाड़ा हमला भी शामिल है, जिसमें 76 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे। इसके अलावा 2013 में झीरम घाटी हमले, 2021 सुकमा-बीजापुर हमले में भी हिड़मा की भूमिका रही है।
टीएस सिंहदेव बोले-2026 के पहले खत्म हो सकता है नक्सलवाद



