रायगढ़। गेमकेला गाँव की प्रगतिशील किसान गायत्री पैंकरा (35 वर्ष) को उनकी बहुफसली खेती, मिट्टी संरक्षण तकनीक और टिकाऊ कृषि मॉडल के लिए वर्ष 2025 का ‘फसल विविधीकरण चैंपियन अवॉर्ड’ प्रदान किया गया है। अपने 3 एकड़ के आम बागान को केंद्र में रखकर विकसित एकीकृत खेती मॉडल ने उन्हें पूरे जिले में विशिष्ट पहचान दिलाई है। प्रदान और सरकारी सन्स्थ सहयोग से विकसित वाड़ी गायत्री पैंकरा की खेती का महत्वपूर्ण आधार उनकी विकसित की गई वाड़ी प्रणाली और फसल विविधिकरण जैविक खेती है जो की वाड़ी प्रोजेक्ट अंतर्गत नाबार्ड के आर्थिक सहयोग के तेहत प्रदान संस्था द्वारा कार्यकारी सन 2014 में किया गया था । वर्ष 2022-23, मनरेगा (रूत्रहृक्रश्वत्र्र) के सहयोग से वाड़ी विकास कार्य अंतर्गत सहयोग मिला था । पौधरोपण, भूमि सुधार, मिट्टी संरक्षण और जैबिक फसल विविधिकरण सफलतापूर्वक पूरे किए गए, जिससे उनकी खेती की गुणवत्ता और उत्पादकता में बड़ा सुधार हुआ।
बहुफसली खेती से सालभर आय
उन्होंने खरीफ, रबी और ज़ायद तीनों मौसमों में विविध फसलें उगाकर लगभग रू. 3.4 लाख वार्षिक आय प्राप्त की है- खरीफ- धान, मूंगफली, उड़द (आय रू. 2.15 लाख) रबी: आलू, मटर, फूलगोभी, पत्तेदार सब्जियाँ (आय रू. 75,000) ज़ायद: लोबिया, भिंडी, उड़द (आय रू. 50,000)
मिट्टी स्वास्थ्य में सुधार
प्राकृतिक नाइट्रोजन स्थिरीकरण
गोबर खाद व कम्पोस्ट से जैविक पदार्थ वृद्धि
मल्चिंग से नमी संरक्षण
कवर क्रॉप से कटाव में कमी
वैज्ञानिक रिकॉर्ड-कीपिंग
10-20 प्रतिशत उपज वृद्धि
20-30 प्रतिशत पानी की बचत
फसल तीव्रता 100 प्रतिशत से बढक़र 200 प्रतिशत
किसान से किसान सीख- गायत्री पैंकरा अपने खेत पर नियमित रूप से फील्ड विजिट और प्रशिक्षण प्रदान संस्था के सहयोग से आयोजित कर अन्य किसानों को प्रेरित कर रही हैं। विभागीय मान्यता- बागवानी विभाग ने उनके खेत को डेमोंस्ट्रेशन प्लॉट घोषित किया है। क्कक्र्रष्ठ्रहृ संस्था द्वारा नामांकन व सत्यापन किया गया। ष्ठष्ठरू एम. बारा और क्र्रश्वह्र सुश्री कविता पैंकरा ने उनके मॉडल की सराहना की है। निष्कर्ष- प्रदान, नाबार्ड, उद्यानिकी और मनरेगा विभाग के सहयोग से समर्थित वाड़ी मॉडल और वैज्ञानिक बहुफसली खेती के जरिए गायत्री पैंकरा टिकाऊ कृषि का प्रेरक उदाहरण भारत में बन चुकी हैं।
रायगढ़ की महिला किसान गायत्री पैंकरा को मिला ‘फसल विविधीकरण चैंपियन अवॉर्ड’



