रायगढ़। खरसिया से छाल की खस्ता हाल सडकें अपनी कहानी खुद बयां कर रही हैं, जनता खस्ता हाल सडक़ों से परेशान है, वहीं दूसरी तरफ एसईसीएल छाल की माइंस में भी खस्ता हाल मार्ग बने हुए हैं। बड़े-बड़े गड्ढों से रोज रूबरू होना ट्रांसपोर्टरों के लिए किसी महाभारत की लड़ाई से कम नहीं है। एसईसीएल इस स्थिति को सुधारना भी नहीं चाहता। जिसका खामियाजा ट्रांसपोर्टरों के साथ ही डिओ धारकों को भुगतना पड़ रहा है। डिओ का उठाव नहीं होने के कारण वे लेप्स हो रहे हैं, हालांकि इससे एसईसीएल को क्या फर्क पड़ता है, वह तो धारकों से अपना हिस्सा ले ही लेते हैं।
डिओ धारक मरे चाहे जिएं इससे एसईसीएल को कोई मतलब नहीं। ऐसे में जहां एक दिन में खदान से लोड होकर जितनी गाडिय़ा निकलनी चाहिए अव्यवस्था के कारण थोड़ी ही गाडिय़ां ही निकल पा रही हैं। ट्रांसपोर्टरों ने बताया खदान की स्थिति बहुत खराब है, जगह-जगह बड़े बड़े गड्ढे बन गए हैं जिसमें लोड गाड़ी निकलना जान जोखिम में डालना है। दूसरी तरफ विभाग द्वारा संचालित खनिज ऑनलाइन अन्तर्गत केओ10 प्रोडक्शन सर्वर का डाटा माईग्रेशन तथा केओ 2.0 को जीलाइव भी किया जाना है। उपरोक्त दोनों कार्य दो चरणों में संपादित किया जाएगा, तत्संबंध में दोनों चरणों को पूर्ण करने हेतु खनिज ऑनलाइन के प्रोडक्शन सर्वर डाउनटाइम की प्रस्तावित तिथि प्रथम चरण दिनांक 20-08-2025 समय 1.00 एएम से 3.00 एएम कुल दो घंटे द्वितीय चरण दिनांक 24-08-2025 समय 12.0 एएम से 3.00 पीएम कुल 15 घंटे की समय अवधि में खनिज ऑनलाइन का सर्वर डाउन होने के फलस्वरूप पोर्टल से संपादित होने वाले समस्त खनिज गतिविधियां प्रभावित रहेगी। जो संचालक महोदय द्वारा अनुमोदित है, एसईसीएल के अडिय़ल रवैए के कारण पहले भी डिओ लेप्स हो होते रहे हैं, अब 9 अक्टूबर और 12 अक्टूबर तक डिओ परिवहन करने का लक्ष्य निर्धारित है, किन्तु एसईसीएल की जिम्मेदार अधिकारियों के कारण बन आए बड़े बड़े गड्ढों कभी सर्वर डाउन कभी कोई खराबी रोड़ को लेकर चक्का जाम की स्थिति निर्मित होते रहती है। जिसके कारण डिओ समय अवधि में कैसे पूरा होगा। इसका जवाब तो छाल सब एरिया मैनेजर एवं नोडल अधिकारी ही दे सकते हैं। एसईसीएल के कर्मचारी से पूछे जाने पर उन्होंने बताया जब से विभाग द्वारा संचालित खनिज ऑनलाइन का कार्य चल रहा है, सर्वर डाउन चलने का खेल रुक नहीं रहा हैं। जिसके कारण ऐसी स्थिति निर्मित हो रही है। साथ ही पता चला है कि सबएरिया मैनेजर लोगों की समस्या सुनने के बजाय कहीं चले गए हैं।