रायगढ़. जिले में एक बार फिर से खरसिया रेंज के जंगल में एक बेबी एलिफेंट ने जन्म लिया है। यहां हाथियों के पैर के निशान दिखने बाद इस बात की पुष्टि हुई है कि करीब 47 हाथियों का दल छाल रेंज में पहुंच गया। जिसे वन विभाग की टीम ने निगरानी शुरू कर दी है।
रायगढ़ वन मंडल के खरसिया रेंज के जोबी परिसर क्षेत्र में शनिवार (27 सितंबर) को ग्रामीणों को हाथी शावक के जन्म लेने का प्रमाण मिला। जिसके बाद इसकी जानकारी वन अमले को दी गई। ऐसे में विगत दो माह में हाथी का तीसरा शावक जन्म लिया है। बताया जा रहा है कि जिस जगह पर मादा हाथी ने बेबी एलिफेंट को जन्म दिया है वहां हाथियों के पैरों के निशान मिले है। वहीं विगत धरमजयगढ़ वनमंडल के बाकारूमा रेंज के धवराभांठा बीट में 20 अगस्त की सुबह मादा हाथी ने एक शावक को जन्म दिया था। इसके बाद गणेश चतुर्थी के समय घरघोड़ा परिक्षेत्र में 2 सितंबर की सुबह एक मादा हाथी ने शावक को जन्म दिया। वहीं अब खरसिया रेंज में बेबी एलिफेंट को जन्म देने के बाद दल छाल रेंज के बंगरसुता में चले गया हैं।
47 हाथियों का दल कर रहा विचरण
वन विभाग के मुताबिक इस क्षेत्र में 47 हाथियों का दल विचरण कर रहा था और उसी में से एक मादा हाथी ने शावक को जन्म दिया है। जिसके बाद हाथियों का दल छाल रेंज के बंगरसुता के जंगल में पहुंच गया। मामले की जानकारी लगने के बाद छाल रेंज के हाथी मित्र दल के सदस्य इसकी निगरानी शुरू कर दी है।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में खरसिया रेंजर लीला पटेल ने बताया कि जोबी परिसर में हाथी शावक का जन्म हुआ है। पास में छाल रेंज लगा हुआ है, ऐसे में सुबह हाथी का दल छाल रेंज की ओर चले गया। आसपास में सतर्क रहने कहा गया है और हाथियों के दल आने पर उसके मूवमेंट पर लगातार निगरानी की जा रही है, ताकि कोई अनहोनी न हो सके।
रायगढ़ वनमंडल में बेबी एलिफेंट का हुआ जन्म, खरसिया से छाल रेंज में पहुंचा 47 हाथियों का दल



