रायगढ़। शहर सहित अंचल में शारदीय नवरात्र को लेकर धूम मची हुई है। ऐसे में रविवार को नवरात्र के छठवें दिन जहां मां कात्यानी देवी की पूजा हुई तो वहीं पूरे दिन कलश यात्रा का दौर चलता रहा। ऐसे में अब सोमवार से शहर में बने दर्जनों की संख्या में भव्य पंडालों में मां दुर्गा विराजमान होगी। इसके लिए समिति के सदस्यों द्वारा पूरे शहर को रंग-विरंगी झालरों से सजाया गया है।
उल्लेखनिय है कि इन दिनों शारदीय नवरात्र को लेकर शहर सहित अंचल में धूम मची हुई है। जिससे शहर में इस बार एक से बढ़ कर एक दुर्गा पंडाल तैयार किया गया है। ऐसे में सोमवार को सप्तमी तिथि पर मां दुर्गा को पंडालों में विराजमान किया जाएगा। जिसके लिए लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। वहीं रविवार को सुबह से ही अलग-अलग दुर्गा समितियों द्वारा कलश यात्रा निकाली गई थी, समिति के सदस्यों का कहना था कि माता जगतजननी को स्थापित करने के पहले कलश यात्रा निकली जाती है, जिससे पूरे दिन शहर में कलश यात्रा की धूम रही। साथ ही अब सोमवार को सुबह से ही पंडितों द्वारा मंत्रोच्चारण के बाद माता का प्राण प्रतिष्ठा कर स्थापित किया जाएगा, जिससे भक्त माता के दर्शन कर पूण्य के भागी बनेंगे। इसके साथ ही रविवार को पूरे दिन शहर सहित अंचल के देवी मंदिरों में विधि-विधान से मां कात्यानी देवी की पूजा-अर्चना की गई। इससे बड़ी संख्या में महिला-पुरुष के साथ कन्याओं ने भी मां कात्यानी देवी की पूजा पूरी श्रद्धा के साथ किया। साथ ही मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से शादी में आ रही बाधा दूर होती है और भगवान बृहस्पति प्रसन्न होकर विवाह का योग बनाते हैं। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इसी मान्यताओं को लेकर पूरे दिन देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा।
आज होगी माता कालरात्री की पूजा
सोमवार को मां दुर्गा के सातवां रूप कालरात्री की पूजा-अर्चना की जाएगी। बताया जाता है कि नवरात्री के सातवें दिन देवी मंदिरों में कालरात्री की निशा पूजन भी किया जाता है, जिसको लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। ऐसे में सोमवार को रात 12 बजे से निशा पूजन शुरू होगा और सुबह के तीन बजे तक चलेगा है। इस संबंध में पंडित राजकुमार चौबे ने बताया कि नवरात्र के दिनों में सप्तमी पर कालरात्री की निशा पूजन करने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है। जिसको लेकर हर साल रात में बड़ी संख्या में भक्त मंदिर पहुंच कर मां की पूजन करते हैं।
देर शाम तक सडक़ों लगी रही भीड़
शहर में इस बार दर्जनों की संख्या में मां दुर्गा भव्य पंडाल तैयार किया गया है। इसको लेकर सुबह से ही कलश यात्रा निकलना शुरू हो गया था, जिसके चलते सडक़ों में जगह-जगह जाम का नजारा देखने को मिला। वहीं देर रात तक सभी कलश यात्रा दौर समाप्त हुआ, ऐसे में अब सोमवार को सभी पंडालों में माता के विराजमान होते ही शाम से फिर लोग दर्शन के लिए निकलेंगे, इससे अब अगले चार दिनों तक शहर में भीड़-भाड़ का माहौल रहेगा। इसके साथ ही दुर्गा समिति के संचालकों द्वारा एक से बढकऱ एक तैयारी की गई है। साथ ही शाम होते ही पूरा शहर दूधिया रौशनी व रंग-बिरंगी झालरों से जगमगा रहा है, जिसे देखने के लिए लोग शाम होते ही घर से निकल रहे हैं।
यह है मान्यता
इस संबंध में भगवानपुर स्थित पूज्य मां अघोर शक्ति पीठ मंदिर के पुजारी पंडित राजकुमार चौबे का कहना है कि पौराणिक कथाओं के अनुसार महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति ने उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिया था। इसलिए उन्हें कात्यायनी देवी कहा जाता है। मां कात्यायनी को ब्रज की अधिष्ठात्री देवी माना गया है। साथ ही मां कात्यायनी ने ही अत्याचारी राक्षस महिषाशुर का वध कर तीनों लोकों को उसके आतंक से मुक्त कराया था। मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत चमकीला और भव्य है. इनकी चार भुजाएं हैं. मां कात्यायनी के दाहिनी तरफ का ऊपर वाला हाथ अभय मुद्रा में और नीचे वाला वरमुद्रा में है। बाईं तरफ के ऊपरवाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल रहता है।
झालरों और लाइटिंग का अद्भुत नजारा
शहर के प्रमुख स्थानों जैसे चक्रधरनगर अंबेडकर चौक, स्टेशन चौक, आठले रोड,थाना रोड और पैलेश रोड, हंडी चौक पर बेहतरीन लाइटिंग की गई है, जो पूरे शहर को एक नए अवतार में प्रस्तुत कर रही है। मातारानी के स्वागत में की गई इन तैयारियों से शहर में उत्सव का माहौल बना हुआ है।
शहरवासियों में उत्साह
नवरात्रि की तैयारियों को लेकर शहरवासियों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ पंडालों में जाकर माता के दर्शन कर रहे हैं और पूजा-अर्चना में भाग ले रहे हैं। इस बार की नवरात्रि की तैयारियां शहरवासियों की एकता और उत्साह का प्रतीक हैं।