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NavinKadam > जशपुरनगर > जशपुर प्रकृति और संस्कृति का है संगम : सीएम साय
जशपुरनगर

जशपुर प्रकृति और संस्कृति का है संगम : सीएम साय

मुख्यमंत्री ने बगिया में जशपुर पर्यटन एवं कृषि क्रांति का किया शुभारंभ, जशपुर जम्बूरी के जरिए पर्यटन के क्षेत्र में मिल रही नयी पहचान

lochan Gupta
Last updated: September 15, 2025 12:01 am
By lochan Gupta September 15, 2025
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8 Min Read

जशपुरनगर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रविवार को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगिया में पर्यटन एवं कृषि क्रांति का शुभारंभ किया। जशपुर पर्यटन एवं कृषि क्रांति इको टूरिज्म और होमस्टे से आत्मनिर्भरता की और बढ़ते कदम जशपुर के स्व सहायता समूह और किसानों को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री झारखंड सरकार के श्री अर्जुन मुंडा,सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष और पत्थलगांव विधायक श्रीमती गोमती साय जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनि भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय कलेक्टर श्री रोहित व्यास एस एस पी श्री शशि मोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, सुनील गुप्ता, मुकेश शर्मा जनप्रतिनिधिगण और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रविवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय जशपुर में कार्यकम को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विकास के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहा है प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सबका साथ सबका विकास को चरितार्थ कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने जशपुर जिले में पर्यटन के क्षेत्र में कार्य करने वाले स्व सहायता समूह और युवाओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नए दायित्वों और जिम्मेदारियों की वजह से अब ज्यादातर समय मुझे जशपुर से बाहर रहना पड़ता है लेकिन जशपुर निरंतर आता रहूंगा और विकास के क्षेत्र में बेहतर कार्य करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने जशपुर जम्बूरी के जरिए जशपुर को पर्यटन के नक्शे पर नयी पहचान दिलाने की पहल की। साल 2024 में हुए जशपुर जम्बूरी में हमारे पड़ोसी राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोग हिस्सा लेने और उस अवसर का गवाह बनने पहुँचे थे। जशपुर जम्बूरी में हमने न सिर्फ ईको-टूरिज्म और एडवेंचर स्पोर्ट के लिए लोगों ने नया ठिकाना दिया, बल्कि जनजातीय परम्पराओं से भी रूबरू कराया।
सीएम श्री साय ने कहा कि सांस्कृतिक प्रदर्शन, स्थानीय व्यंजनों का मेला और जनजातीय नृत्यों ने पर्यटकों को आकर्षित किया, जिससे स्थानीय कारीगरों और गाइड्स को रोजगार मिला। अब एक बार फिर जशपुर जम्बूरी के नए सीजन का आयोजन हम करने जा रहे हैं। जिसमें आगामी 6 से 9 नवम्बर तक देश, दुनिया के लोग यहाँ पहुँचकर रोमांच, कला और सामुदायिक अनुभवों से परिचित हो पाएँगे। हमारी मिट्टी की खुशबू को जीवंत करने के लिए कर्मा, सरहुल जैसे जनजातीय नृत्य के साथ गोदना कला, काष्ट शिल्प और लौह शिल्प जैसे हस्तशिल्प की प्रदर्शनी और लोकनाट्य पर आधारित सांस्कृतिक संध्या आयोजित की जाएगी। इससे न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और प्रसार होगा, बल्कि स्थानीय कला और हस्तशिल्प को वैश्विक पहचान भी मिलेगी। जशपुर जम्बूरी एक ऐसा उत्सव है जो प्रकृति, संस्कृति और विकास को एक सूत्र में पिरोता है। यह आयोजन जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता, जनजातीय विरासत और आधुनिक विकास को एक साथ पेश करता है। जशपुर जंबूरी केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि आर्थिक सशक्तीकरण का माध्यम है।
स्वदेश दर्शन योजना के तहत मयाली नेचर कैंप में बोटिंग, कैक्टस गार्डन और टेंट सुविधाएँ जोड़ी गई हैं।यहाँ के पर्यटक स्थल अब बेहतर सुविधाओं से सजे हैं, मयाली में सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ को गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्जा मिला है जो जशपुर को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम टूरिज्म सेक्टर को एक उद्योग के रूप में देख रहे हैं, जिससे स्थानीय उद्यमशीलता बढ़ेगी। हमने होम-स्टे नीति लागू की है। बाहरी लोग जनजातीय संस्कृति को जानना-समझना चाहते हैं। उनके भीतर आदिवासी संस्कृति, परम्पराओं, उनके खान-पान, रहन-सहन को लेकर एक जिज्ञासा और उत्सुकता रहती है। ऐसे में होम-स्टे हमारे आदिवासी क्षेत्रों में विकास की नयी अवधारणा है, जिसमें स्थानीय समुदायों को रोजगार के बेहतर अवसर मिल रहा है। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। जशपुर जम्बूरी जैसे उत्सव से स्थानीय होम-स्टे, गाइड्स और शिल्पकारों को सीधा लाभ होगा। जशपुर जम्बूरी को हम एक वार्षिक महोत्सव के रूप में स्थापित करना चाहते हैं, जिसमें अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए भी जशपुर आकर्षण का बड़ा केन्द्र बन पाए। जीआईएस (त्रढ्ढस्) मैपिंग और डिजिटल मार्केटिंग से जशपुर की पहुँच बढ़ेगी। यहाँ युवाओं और पर्यटन से जुड़े सभी लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे वैश्विक मानकों पर खरे उतरें। जशपुर जम्बूरी जैसे आयोजन निश्चित रूप से जशपुर को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनने में मददगार साबित होंगे। आज जशपुर जम्बूरी के दूसरे सीजन की औपचारिक घोषणा के साथ ही हमारे अन्नदाता किसानों के लिए एक नयी पहल की शुरुआत की जा रही है।

जशपुर जम्बूरी 2024 -एक सफल शुरुआत

2024 में आयोजित जशपुर जम्बूरी ने रोमांच, संस्कृति और समुदाय का ऐसा संगम पेश किया जिसने देशभर से प्रतिभागियों को आकर्षित किया। झारखंड, ओडिशा, रायपुर और छत्तीसगढ़ के कई जिलों से आए लोगों ने इस उत्सव में हिस्सा लिया।प्रतिभागियों ने रानी दह, टी गार्डन और जशपुर संग्रहालय जैसे स्थलों की सैर कर इतिहास और संस्कृति को करीब से महसूस किया।फ़ूड लैब ने स्थानीय व्यंजनों को आधुनिक रूप में प्रस्तुत कर सबका दिल जीता। सरहुल और कर्मा नृत्य की प्रस्तुतियों ने जनजातीय परंपराओं की गहराई दिखाई।चार दिन रोमांचक गतिविधियों, सांस्कृतिक रंग और सामुदायिक मेलजोल के नाम रहे।इस आयोजन ने जशपुर को ईको-टूरिज़्म और एडवेंचर स्पोर्ट्स का नया गंतव्य बना दिया।
जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार ने बताया कि जशपुर जम्बूरी 2025 – नये अनुभवों की ओर अब यह उत्सव और बड़े स्वरूप में वापस आ रहा है। 6 – 9 नवम्बर, 2025 को होने वाला जशपुर जम्बूरी 2025 रोमांच, कला और सामुदायिक अनुभवों को और भी समृद्ध करेगा। रोमांचदृ रॉक क्लाइम्बिंग, रैपलिंग, जि़पलाइन, ट्रेकिंग, मयाली डैम पर वॉटर स्पोर्ट्स, पैरामोटर और हॉट एयर बलून से माधेश्वर पहाड़ों के दृश्य देखे जा सकेंगे। जनजातीय नृत्य (कर्मा, सरहुल), लोक संगीत, हस्तशिल्प कार्यशालाएँ (मिट्टी, बाँस, गोंदना कला, लकड़ी व लोहे की कारीगरी), लोकनाट्य और स्थानीय व्यंजन का भी अनुभव मिलेगा। ।पारंपरिक खेल, टीम-बिल्डिंग गतिविधियाँ और तारों भरे आसमान के नीचे अलाव की गर्माहट से लोगों के मन में आनंद की अनुभूति होगी। जशपुर जम्बूरी 2025 का उद्देश्य है प्रतिभागियों को प्रकृति, परंपरा और समुदाय की उस धारा से जोडऩा, जहाँ हर पल एक नई कहानी कहता है। कार्यकम में आभार व्यक्त डिप्टी कलेक्टर श्री समीर बड़ा ने किया।

रोमांच, संस्कृति और समुदाय का उत्सव

कार्यक्रम में सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष और पत्थलगांव विधायक श्रीमती गोमती साय जशपुर विधायक श्रीमती राय मुनि भगत जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय ने भी संबोधित किया और जशपुर के विकास , पर्यटन के क्षेत्र और कृषि क्रांति की विस्तार से जानकारी दी। कलेक्टर रोहित व्यास ने संबोधित करते हुए कहा कि जशपुर जम्बूरी जशपुर की वादियों और झरनों के बीच हर साल एक ऐसा उत्सव मनाया जाता है, जो केवल एक कार्यक्रम नहीं बल्कि इस जिले की आत्मा का अनुभव है। जशपुर जम्बूरी ने 2024 में अपनी शानदार शुरुआत की और अब 2025 में एक और भव्य रूप में लौट रहा है।

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