रायगढ़। माननीय सरकार, सुन लीजिए! रायगढ़ की सडक़ों पर एनएचएम कर्मचारियों की तिरंगा बाइक यात्रा कोई जश्न नहीं, बल्कि 20 साल के शोषण और वादाखिलाफी का गुस्सा है। 500 से ज्यादा कर्मचारी सडक़ों पर उतर आए हैं, नोटिस की प्रतियां जलाकर कह रहे हैं, ‘आश्वासन की खोखली बातें बंद, लिखित आदेश दिखाओ!’ 29 साथियों की जान जा चुकी है, फिर भी सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही।
हड़ताल मजबूरी है, शौक नहीं
एनएचएम कर्मचारी संघ, रायगढ़ का कहना है, ‘हम शौक से नहीं, मजबूरी में सडक़ पर हैं।’ सरकार दावा करती है कि 10 में से 5 मांगें पूरी हो गईं, लेकिन लिखित आदेश का नामोनिशान नहीं। कर्मचारियों का तंज है’ स्वास्थ्य मंत्री जी, अगर मांगें पूरी हैं, तो आदेश दिखाइए, या फिर झूठ का ढोल पीटना बंद कीजिए!’ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मंत्री को गुमराह कर रहे हैं, और जनता के सामने ‘मोदी की गारंटी’ को कोरी बातें बनाकर पेश किया जा रहा है।
रायगढ़ में उबाल, आंदोलन और तेज
शहीद विप्लव त्रिपाठी स्टेडियम में शुरू हुआ यह आंदोलन अब और उग्र होने जा रहा है। कर्मचारियों ने खून से पत्र लिखे, पीपीई किट पहनकर सडक़ों पर झाड़ू लगाई, और अब तिरंगा बाइक यात्रा निकालकर सरकार को चेतावनी दी है। ‘संवैधानिक तरीके से मांग रखना गुनाह नहीं!’ जनता से माफी मांगते हुए कर्मचारियों ने कहा, हमारी मजबूरी समझें, सरकार की वादाखिलाफी ने हमें सडक़ पर ला खड़ा किया।
रायगढ़ में स्वास्थ्य सेवाएं ठप
हड़ताल के चलते रायगढ़ के शासकीय अस्पतालों में ताले लटक गए हैं। मरीज दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों से लेकर शहर तक भटक रहे हैं। जीवन दीप समिति के कर्मचारियों पर अनुचित दबाव डाला जा रहा है, जबकि उनके पास न प्रशिक्षण है, न संसाधन। अस्पतालों में सूचना बोर्ड लगे हैं, मरीजों से असुविधा के लिए खेद जताया जा रहा है, लेकिन कर्मचारी सवाल उठाते हैं, जिम्मेदारी किसकी? हमारी, जो हक मांग रहे हैं।
रायगढ़ में एनएचएम कर्मचारियों की तिरंगा बाइक यात्रा और अनिश्चितकालीन हड़ताल
