बिलासपुर। पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल ने श्वष्ठ की गिरफ्तारी के खिलाफ हाईकोर्ट में लगाई है याचिका। छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की याचिका पर आज (मंगलवार) को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी कर दो हफ्ते बाद यानी 26 अगस्त तक जवाब मांगा है। हाईकोर्ट के जस्टिस अरविंद वर्मा की बेंच में चैतन्य बघेल की तरफ से पक्ष रखा गया। याचिका में गिरफ्तारी की प्रक्रिया को गलत बताया गया है। सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में गिरफ्तारी को चुनौती दी गई है, बता दें कि चैतन्य बघेल को श्वष्ठ ने बीते 18 जुलाई को गिरफ्तार किया था। वे 24 दिनों से जेल में बंद है। याचिकाकर्ता के वकील हर्षवर्धन परगनिहा ने बताया कि चैतन्य को पीने का साफ पानी नहीं मिल रहा। कोर्ट ने इस संदर्भ में जेल अधीक्षक को जरूरी दिशा निर्देश दिया है।
चैतन्य ने खुद को हिरासत में लिए जाने को चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया था। दरअसल, पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली थी। ईडी के मामलों को लेकर लगाई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट जाने की सलाह देते हुए याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद चैतन्य ने अपनी गिरफ्तारी और हिरासत को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। इसमें कहा गया है कि उनकी हिरासत गैरकानूनी है और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। बता दें कि, शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चैतन्य बघेल को भी आरोपी बनाया है। चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को भिलाई से गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि शराब घोटाले की रकम से चैतन्य को 16.70 करोड़ रुपए मिले हैं। ईडी के मुताबिक शराब घोटाले से मिले ब्लैक मनी को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्ट किया गया। ब्लैक मनी को वाइट करने के लिए फर्जी निवेश दिखाया गया है। साथ ही सिंडिकेट के साथ मिलकर 1000 करोड़ रुपए की हैंडलिंग (हेराफेरी) की गई है।
शराब घोटाला : चैतन्य की याचिका पर हाईकोर्ट का ईडी को नोटिस
2 हफ्ते में मांगा जवाब, गिरफ्तारी को बताया है असंवैधानिक, 24 दिन से जेल में है चैतन्य
