रायपुर। प्रदेश में इन दिनों धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच बयानबाजी का दौरा जारी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम के नागपुर में क्रस्स् के कार्यक्रम में दिए गए बयान बस्तर में धर्मांतरण को लेकर आदिवासी समाज और संघ दोनों को मिलकर काम करना चाहिए। इस पर दोनों ही पार्टी एक दूसरे पर हमलावर है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, अरविंद नेताम इतने साल से बस्तर में है। वे सांसद रहे, केंद्रीय मंत्री रहे, लेकिन आज वे मतांतरण की बात कर रहे हैं। उनका खुद कितने बार मतांतरण हो गया। वे इस बारे में बताएं। वे कभी कांग्रेस की विचारधारा, कभी बीएसपी, कभी बीजेपी की विचारधारा में रहे, फिर खुद की कोई पार्टी बना लिए। अब वो क्रस्स् में। खुद कितने बार मतांतरित हो चुके हैं। वो पहले इस बात को बताएं।
भूपेश बघेल ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि, धर्मांतरण कैसे रुक सकता है। कहने से यह नहीं रुक सकता है। इसे रोकने के लिए क्या ठोस योजनाएं है? प्रदेश में सबसे ज्यादा भाजपा के सरकार में मतांतरण हुआ है। उन्होंने कहा कि, जब रमन सिंह मुख्यमंत्री थे और अभी के कार्यकाल में बड़े मतांतरण के मामले सामने आ रहे हैं। कवर्धा में सबसे ज्यादा मामले है। यहां से गृहमंत्री आते हैं। इसमें वे क्या कार्रवाई कर रहे हैं। बीजेपी वालों के लिए यह सुविधाजनक है कि, मतांतरण हो। लोगों को ईसाई आदिवासी और हिंदू आदिवासी कहकर डिवाइड कर वोट लेने में बीजेपी को आसानी होती है।
भूपेश बघेल ने कहा कि, यह बीजेपी का डबल गेम है। आंकड़े निकालेंगे तो किसके शासनकाल में कितने चर्च बने और मतांतरण हुआ, यह स्पष्ट हो जाएगा। हमारे शासन काल में मतांतरण होने वाले आदिवासियों के शव को दफनाने और अंतिम संस्कार करने नहीं दिया जाता था।
लेकिन पिछले डेढ़ साल में ऐसे मामले क्यों नहीं आ रहे हैं। जिसने धर्मांतरण किया है, क्या उनके घर में किसी का निधन नहीं हुआ है। भाजपा के लोगों को सिर्फ राजनीति करनी है। अब किसी मतांतरण हुए लोगों के अंतिम संस्कार को लेकर क्यों हल्ला नहीं हो रहा है। बघेल ने कहा कि, भाजपा और आरएसएस के लोग मौत पर राजनीति करते हैं। जो लोग पहले इन्ही मुद्दों पर विरोध करते थे। अब सांसद बन गए हैं। एक बस्तर और एक कांकेर के सांसद है। लेकिन दोनों चुप बैठे हैं। अब सांसद बनने के बाद यह सारी चीज क्यों नहीं कर रहे हैं? पूर्व सीएम के बयान पर भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की जब सरकार थी, तब भूपेश बघेल मुख्यमंत्री थे। उस समय धर्मांतरण का विरोध करने वाले आदिवासियों का सिर फोड़ा जा रहा था। पुलिस भी उन्हें मार रही थी।
चिमनानी ने कहा कि, उस दौरान 23 दिसंबर 2022 को दिल्ली में पूर्व सीएम ने ईसाई मिशनरी के लोगों के साथ मुलाकात की थी। उनके साथ फोटो खिंचवाई और ट्वीट कर कहा कि वे उनके साथ है, लेकिन उन्होंने ये नहीं कहा कि, वे आदिवासियों के साथ है। अमित चिमनानी ने कहा कि, उन्हीं की सरकार के कार्यकाल के दौरान एक व्यक्ति अरुण पन्नालाल ने कहा था कि, वे संविधान को जला देंगे। किसी की ताकत नहीं है, कोई यहां पर धर्मांतरण रोक पाए। आज भी जब विष्णुदेव साय की सरकार में एक अवैध जगह जहां धर्मांतरण चल रहा था। उस पर कार्रवाई हुई तो उनके विधायक अटल श्रीवास्तव एक महिला पुलिस को कह रहे थे कि आप कानून व्यवस्था संभाल नहीं पाएंगे। हम इतनी ज्यादा परेशानी खड़ी कर देंगे। आपके लिए लॉ एंड ऑर्डर को बिगाड़ देंगे। वो यह कहकर पुलिस वालों को धमका रहे थे।
कांग्रेस जब सरकार में थी, तभी धर्मांतरण का काम करवा रहे थे। आज भी जब विष्णुदेव साय की सरकार कार्रवाई करती है, तो उसमें रोडा बनते हैं। ये क्या धर्मांतरण को लेकर भाजपा को सिखाएंगे। अमित चिमनानी ने कहा कि, एक शब्द धर्मांतरण के खिलाफ में बोलकर दिखाए, आपने 5 साल क्या किया है यह जग जाहिर है। छत्तीसगढ़ में बलात्कार का आरोपी बजिंदर सिंह का बड़ा कार्यक्रम होने वाला था। उसे विष्णुदेव सरकार ने ही रद्द कराया था। ऐसा कोई भी काम यहां होने नहीं दिया जाएगा, जो जबरन धर्मांतरण की श्रेणी में आएगा।
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर सियासत
भाजपा शासन काल में सबसे ज्यादा मतांतरण हो रहा : भूपेश, कांग्रेस कार्यकाल में विरोध पर सिर फोड़े जाते थे : बीजेपी
