पखांजुर। अवैध ट्रेक्टर ट्राली निर्माण का गढ़ अब पखांजूर अंचल बना हैं। जिससे शासन को लाखों का चुना प्रति माह लग रहा हैं। पखांजूर क्षेत्र के ऐसेबेड़ा, गोंडाहुर, संगम, कापसी और बांदे के गली कस्बो में छोटी सी वेल्डिंग दुकान संचालित का ट्रेक्टर ट्राली की निर्माण किया जा रहा हैं। जिससे प्रशासन व परिवहन विभाग बेखबर हैं नतीजा प्रति माह शासन को लाखों रुपये राजस्व का चुना लग रहा हैं। अंचल में इन दिनों फर्जी ट्रेक्टर ट्राली निर्माण के कारखाने संचालित हैं। नियम विरुद्ध निर्माण करने वाले किसानों को धोखे में रखकर ट्राली बेचा जा रहा हैं। क्षेत्र में जितने लोगों द्वारा फर्जी ट्राली बनाकर किसानों को बेच रही हैं उनमें लगभग दुकानदारों का परिवहन विभाग में पंजीयन तक नहीं हैं। चुकी मापदंड के हिसाब से ट्राली नहीं बनाने के कारण आए दिन अंचल में ट्रेक्टर ट्राली से दुर्घटना होती रहती हैं।
शासन के परिवहन विभाग को लगा रहे है चुना
ट्रेक्टर ट्राली निर्माण के लिए व्यापार प्रमाण पत्र परिवहन विभाग से लेना पड़ता हैं। परिवहन विभाग के अधिकारी अधिकृत पत्र जारी करता हैं, प्रति वर्ष अनुमति पत्र का नवीनीकरण भी करवाया जाता हैं, ट्राली बनने के बाद उसका एक वैल्यु लगत दर प्रिंट भी कमिश्नर को देना होता हैं, जिसके आधार पर निर्माण की अनुमति का पत्र जारी किया जाता हैं।पंजीकृत दुकानदारों को तय मापदंड के हिसाब से ट्रेक्टर ट्राली का निर्माण किया जाना होता हैं, वरना इसके विपरीत मिलने से पंजीकृत का प्रमाण पत्र को रद भी किया जा सकता हैं। मगर परलकोट अंचल में आलम कुछ और ही हैं, यह कोई मापदंड का हिसाब नहीं हैं और ना ही जिले से अधिकारी उनके निर्माण की जांच करते हैं। नतीजा यह लोकल दुकानदार गली, कस्बो में ट्रेक्टर ट्राली का अवैध निर्माण धड़ल्ले से कर रहे हैं। ट्रेक्टर ट्राली निर्माण में उचाई, लम्बाई, हाईट, मजबूत लोहे का छड़, टायर का विशेष महत्त्?व रहता हैं। मगर यह विभाग के गैर मौजूदगी का फायदा उठाकर किसानों से लाखों रुपया हेड रही हैं। ट्रेक्टर ट्राली गुणवत्तहीन बनने के कारण आए दिन दुर्घटना का शिकार आम ग्रामीण होते हैं। ट्रेक्टर ट्राली निर्माण के लिए गली कस्बो में दुकान संचालित किए दुकानदारों का कोई आइटीआइ या फिटर संबंधी जानकारी व अनुभव नहीं हैं। अगर परिवहन विभाग अवैध निर्माणों पे जल्द अंकुश नहीं लगा पाया तो अंचल में दुर्घटना व शासन को लाखों-करोड़ों का चुना निरंतर लगते रहेगा।
विद्युत विभाग को भी लगाया जा रहा है चुना
दूसरी ओर आलम इस प्रकार से है कि वेल्डिंग दुकानदार अवैध रूप से ट्रॉली निर्माण करने के साथ-साथ विद्युत कनेक्शन का भी दुरुपयोग किया जा रहा है। बहुत से गली काशन में वेल्डिंग दुकानों में नियमानुसार विद्युत कनेक्शन थ्री फेस मीटर वाला होना चाहिए और साथ ही साथ वह मीटर कनेक्शन व्यवसायिक होना चाहिए। लेकिन यह दुकानदार दबंग रूप इत्यार कर धड़ल्ले से सिंगल और घरेलू कनेक्शन पर ही वेल्डिंग मशीन से काम कर रहे हैं और शासन के विद्युत विभाग को भी चूना लगा रहे हैं।
खाद्य विभाग को भी पहुंचाया जा रहा है नुकसान
इन दुकानों में एक और मामला सामने आ रहा है कि घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग कर गैस वेल्डिंग का भी काम किया जा रहा है। जबकि व्यावसायिक परिसर पर व्यावसायिक सिलेंडर का उपयोग किया जाना चाहिए। अगर ऐसे ही चला रहा तो अगर भविष्य में किसी प्रकार की सिलेंडर से कुछ भी दुर्घटनाएं अगर होती है तो इस सब की संपूर्ण जवाबदारी किसकी होगी यह एक सोचनीय विषय है।
अवैध ट्रेक्टर ट्राली का निर्माण, प्रशासन को लाखों का नुकसान
अवैध ट्रेक्टर ट्राली का निर्माण, प्रशासन को लाखों का नुकसान
