पखांजुर। बस्तर के अंदरूनी इलाके मे अक्सर आपने खबर देखा और सुना होगा की सुरक्षाबलो के केम्प का ग्रामीण विरोध करते है और तरह तरह के आरोप जवानो पर लगाए जाते है।लेकिन इसी बस्तर संभाग के पखांजूर इलाके से अलग तश्वीर निकल कर सामने आई है। जहाँ ग्रामीण कैम्प के वापस जाने का विरोध कर रहे है।
दरसल पखांजूर से 80 किलोमीटर दूर लोहत्तर थाना अंतर्गत जाड़ेकुर्सी मे सीएएफ का कैम्प है।और इस कैम्प के वापस जाने की सुचना ग्रामीणों को रात मे मिली और तडक़े सुबह पुरे गाँव के ग्रामीणों ने कैम्प के सामने बैठ गए। ग्रामीणों की मांग है की कैम्प के वापस जाने से वर्षो पुराना लाल आतंक का साया फिर से लोगो की जान लेने लगेगा।और कैम्प के खुलने से क्षेत्र मे काफी विकास के साथ खुशहाली और बदलाव हुए हुए।
सडक़े बनी है,लोग नौकरी कर रहे है, सेना और पुलिस मे युवा चयन हो रहे है साथ ही तैयारी कर रहे है।यह सब संभव कैम्प के खुलने से हुआ है। और सबसे बड़ी बात की इस केम्प के खुलने से लोग स्वतंत्रता से जीवन जी रहे है।यदि कैम्प वापस चला गया तो फिर से नक्सलीओ का आतंक क्षेत्र मे शुरू हो सकता है। जिससे भयभीत ग्रामीणों ने कैम्प के वापस जाने का विरोध कर रहे है।चाहते है की कैम्प यथावत रहे ताकि लोग खुल कर अपना जीवन यापन कर सके।
ग्रामीणों ने इसके लिए सांसद को पत्र भी लिखा है और मांग की है की कैम्प को यथावत रखा जाये अन्यथा पुरे क्षेत्र के लोग प्रदर्शन करेंगे। बता दे कि सीएएफ केम्प यथावत रखने को लेकर ग्रामीण जाड़ेकुर्सी केम्प के सामने प्रदर्शन मे रात भर एकजुट रहे, और केम्प के सामने ही पुरूष, महिलाए, बच्चे बुजुर्ग सभी मिलकर खाना बना रहे,और केम्प को यथावत रखने को लेकर प्रदशर्न रहे ग्रामीणों का कहना है,केम्प के वापस जाने से फिर से नक्सली आतंक बढऩे के भय और सम्भावना है।
जाड़ेकुर्सी केम्प को यथावत रखने को लेकर प्रदर्शन मे जूटे ग्रामीण
