सरिया। नगर पंचायत सरिया की कहानी जुदा ही है, नगर की व्यवस्था चैपट, भ्रस्टाचार की गंगा बह रही है, जनप्रतिनिधि कमीशन खोरी में मस्त,विकास कागजो पर पूर्ण लेकिन धरातल से दूर,सीएमओ कागजी कार्यवाही पूर्ण कर हर कार्य में,खुद अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।
नगर के विकाश के लिए तात्कालिक विधायक रोशन लाल ने सर्व सुविधा युक्त बस स्टेण्ड का निर्माण करवाकर जनता को आज से 11 साल पहले समर्पित किया था। उक्त बस स्टेण्ड में अटल व्यवसायिक परिसर योजना के तहत 15 दुकाने भी निर्मित हुई थी, इस महत्वकांक्षी योजना के चलते 10 साल पहले नीलामी प्रक्रिया के तहत 9 दुकानों को वितरित की गई लेकिन अनुबंध की कार्यवाही आज 10 साल बाद भी न हो सकी, इन्ही 15 दुकानों में से 6 दुकानों पर अवैध कब्जा कर और अवैध निर्माण कर विगत सात सालों से होटल व्यवसाय एक व्यक्ति के द्वारा चलाया जा रहा था, फ्री में नल कनेक्शन दिया गया, जनता को गर्मी में जहाँ पानी नहीं मिल पा रहा था उस समय इस होटल में फ्री सेवा पानी टेंकर से दी जा रही थी लगातार और आश्चर्य है की नगर के जनप्रतिनिधि और सीएमओ इस बात से अनजान थे, सूत्रों की माने तो लाखों डकार गए इन सात सालों में अब इस अवैध कब्जा को लेकर आवाज उठाई गईं और अनुबंध की कार्यवाही पूर्ण करने की माँग उठी तो नगर प्रशासन की हवा निकली,सीएमओ ने शासकीय दुकान पर अवैध कब्जा हटाने, कार्यवाही के नाम नोटिस देना शुरू किया, तीन नोटिस देने के बाद, अवैध नल कनेक्शन काटा गया,2 दुकान जिसे खाली शीशी का स्टॉक रूम बनाया गया था, खाली करवाया गया और अपनी तरफ से कागजी कार्यवाही पूर्ण कर खुद की पीठ और जनप्रतिनिधियों ने अपनी पीठ थपथपा कर,दुकान को मामला शांत होते तक बंद रखने को बोल दिया! बात यहाँ तक होने लगी है की एक दुकान अवैध कब्जाधारी के नाम करने की तैयारी है।
अब कार्यवाही के महीना बीत जाने के बाद भी अवैध कब्जा से मुक्त कर अवैध निर्माण को हटाने की हिमाकत नहीं कर पा रहे है!बितरित 9 दुकानों का अनुबंध भी इसी बात के चलते अटका हुआ है।
बात यही खतम नहीं हो रही है, साप्ताहिक बाजार के लिए बने सेड के सेट पर भी एक टमाटर व्यवसायी का अवैध कब्जा सात आठ सालों से है, इस बात का भी प्रतिरोध जनप्रतिनिधी करने की हिमाकत नहीं कर पाए! अवैध कब्जा का नोटिस देकर सीएमओ ने भी जिम्मेदारी समाप्त कर ली है। परिस्तिथियो देखते हुए लगता है की जनप्रतिनिधि और नगर प्रशासन मिलकर अवैध कब्जा हेतु निविदा प्रकाशित कर जेबे न भरने लग जाएं।
अपने स्वार्थ में मस्त जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं, जिन गलत बातों का इन्हे विरोध करना चाहिए, उन बातों पर भी स्वार्थ पूरा कर सही बताने से पीछे नहीं हट रहे हैं, जनता देख रही है, समझ रही है आने वाले चुनाव में इनको बाहर का रास्ता दिखाएगी। इस सम्बन्ध में सीएमओ साहब का कहना है मेरे द्वारा समस्त वैधानिक प्रक्रिया को पूर्ण कर दी गई है, इससे आगे की कार्यवाही मेरे क्षेत्राधिकार से बाहर है।
शासकीय दुकानों पर अवैध निर्माण व कब्जा
खाली करवाने की हिम्मत नही जुटा पा रहे सीएमओ व जनप्रतिनिधि, आखिर होटल व्यवसायी पर किसकी नजरें इनायत
