रायगढ़। सावित्रीबाई फुले को नारी सशक्तिकरण की प्रतीक, युगांतकारी समाज सेविका निरूपित करते हुए केबिनेट मंत्री ओपी चैधरी ने उन्हें आधुनिक भारत की प्रथम शिक्षिका श्क्रांतिज्योति बताया।
उनकी जयंती पर सादर नमन करते हुए महिला उत्थान एवं वंचित वर्गों की शिक्षा, समानता तथा अधिकारों के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित करने वाली पूज्य माता के पुनीत विचार और आदर्श जीवन सभी के लिए एक प्रेरणा बताया। सावित्रीबाई फुले भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थीं। सावित्रीबाई का जीवनएक मिशन की तरह रहाजिसका उद्देश्य विधवा विवाह करवाना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं को शोषण से मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना था। वे एक कवियत्री भी थीं उन्हें मराठी की आदि कवियत्री के रूप में भी जाना जाता था।सावित्रीबाई पूरे देश की महानायिका हैं। सही मायने में महिलाओ को अपने पथ पर अडिग रहने की प्रेरणा सावित्री बाई ने दी।
राजनीति में न होता तो ओपी दक्षिण का हीरो होता -कुमार विश्वास
देश के प्रख्यात कवि राम कथा वाचक कुमार विश्वास ने राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम के तहत कहा ओपी चैधरी बहुत ही प्रिय है। इतना स्वीट और क्यूट है। प्रशासनिक अधिकारी नही होता मंत्री नही होता और चश्मा हटा दे तो दक्षिण के फिल्म का हीरो होता।
आधुनिक भारत की प्रथम शिक्षिका थीं ज्योति बाई फुले- ओपी
जयंती पर केबिनेट मंत्री ओपी ने किया स्मरण
