रायगढ़। शासन के निर्देशानुसार इन दिनों गैस एजेंसियों द्वारा उपभोक्क्ताओं का ई-केवायसी कराया जा रहा है, लेकिन सर्वर डाउन होने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि इन दिनों उपभोक्ताओं को सुबह-शाम एजेंसी पहुंचना पड़ता है, इसके बाद भी एक दिन में काम नहीं हो पा रहा है, जिससे उपभोक्ता परेशान नजर आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि गैस सिलेंडर उपभोक्ताओं को अब गैस सिलेंडर लेने के लिए आधार कार्ड, बैंक खाता अथवा मोबाइल नंबर देकर ई-केवायसी कराना जरूरी हो गया है और इसके लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं को ई-केवायसी कराने के लिए इन दिनों एजेंसियों में सुबह से ही भीड़ लगना शुरू हो जा रही है, जो देर शाम तक लगी रहती है। साथ ही इसके लिए 31 दिसंबर तक अंतिम तिथि तय किया गया है। जिसको लेकर उपभोक्ता परेशान नजर आ रहे हैं। वहीं बताया जा रहा है कि ई-केवायसी कराने के पीछे कारण यह है कि गैस सिलेंडर के उपभोक्ता जीवित है अथवा मृत। क्योंकि जब से उज्जवला योजना की शुरुआत हुई है तब से गैस कनेक्शन धारकों की संख्या काफी बढ़ गई है और बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ताओं को विशेष लाभ मिल रही है और सब्सिडी भी उनके खाते में पहुंच रहा है। जिससे ज्यादातर गैस सिलेंडर उपभोक्ताओं के नाम पर कोई दूसरा लाभ ले रहा है। वहीं उज्जवला योजना के हितग्राही भी नियमित रूप से गैस रिफलिंग नहीं करा रहे हैं। जिसका बेजा फायदा दूसरे संपन्न लोग उठा रहे है। जबकि सरकार की मंशा थी कि गरीब तबके के महिलाओं को कम बजट पर धुआं रहित चूल्हा देकर उनके स्वास्थ्य व समय की बचत हो। इसके लिए उज्जवला योजना के तहत बीपीएल कार्डधारियों को सस्ते दर पर सिलेंडर उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन उनको योजना का लाभ नहीं मिल पाता है। जिसके चलते शासन द्वारा अब ई-केवायसी कराया जा रहा है ताकि यह पता चल सके कि कितने उपभोक्ता वैध है और कितने अवैध है।
वर्ष 2016 से 2022 तक उज्जवला योजना के तहत हजारों महिलाओं को हितग्राही बनाकर लाभ मिलने लगा। लेकिन ऐसे भी मामला सामने आता है कि कनेक्शन किसी और का है और उपयोग कोई अन्य कर रहा है। ऐसे में आधार प्रमाणीकरण करने से नए व पुराने उपभोक्ताओं का भी पहचान होगा, तथा फर्जी कनेक्शन पर भी रोक लगेगा।
गैस सिलेंडर उपभोक्ता ई-केवायसी कराने हो रहे कतारबद्ध
सर्वर के चलते हो रहे परेशान
