रायगढ़। रायगढ़ सामान्य सीट पर सियासी पारा गरमाता जा रहा है। जैसे ही सर्दी की दस्तक हुई, चुनावी सरगर्मी भी बढ़ती जा रही है। प्रत्याशियों का जनसंपर्क और प्रचार-प्रसार मुखर होता जा रहा है। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, आप पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राजनीतिक दल के प्रत्याशी तो प्रचार-प्रसार में जुटे ही हैं। निर्दलीय भी इस चुनावी समर में ताल ठोक कर गर्माहट पैदा कर रहे हैं। चुनावी प्रचार के जोर पकड़ते ही प्रत्याशियों की जनसंपर्क और प्रचार-प्रसार को लेकर चर्चाएं भी शुरू हो गई है। बड़ी रैली घर-घर दस्तक और रंग जमाने की कोशिश में बजाए जा रहे डीजे के चुनावी गानों को गौर किया जा रहा है। अब लोग ज्यादातर निर्दलीय प्रत्याशियों को उनके चुनाव चिन्ह से संबोधित करते नजर आ रहे हैं। चुनाव चिन्हों से प्रचार-प्रसार के तौर तरीकों को भी लेकर आम लोगों के बीच बातचीत का दौर शुरू हो गया है। राजनीति के जानकारों की माने तो लोग अब ऑटो रिक्शा के रफ्तार पर भी बातें कर रहे हैं। सडक़ों की बत्तर हालात के बाद भी शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में रफ्तार से दौडऩे की तैयारी में ऑटो रिक्शा की बातें की जा रही है। निर्दलीय प्रत्याशी के बढ़ते जनसंपर्क से क्षेत्र के लोगों को उनके चुनावी मैनेजमेंट पर भी काना-फूसी करते सुने जा सकते हैं। इस सीट के एक निर्दलीय प्रत्याशी के चुनावी मैनेजमेंट की कमान राजधानी से संचालित होने पर यह चर्चा भी हो रही है कि दूसरे के कंधों का इस्तेमाल कर जंग जीतने की आस कभी पूरी नहीं होती। जिस तरह टूटी हुई सिलाई मशीन की सुई से धागों को कपड़ों पर पिरोने में नाकाम रहती है उसी जैसे दूसरों के स्वार्थ साधने में अपना वक्त जाया करना बुद्धिमानी नहीं मानी जा सकती। कहा जा रहा है कि ऑटो रिक्शा रफ्तार पकड़ कर आगे मंजिल की तरफ बढऩे को तैयार है किंतु सिलाई मशीन की टूटी हुई सुई को राजधानी से आने वाले संदेश का इंतजार है। इस तरह के चुनावी गीत भी मतदाताओं के जुबान पर आने लगी है। जिसे साफ तौर पर समझा जा सकता है कि मतदाता राजनीतिक दलों के अलावा निर्दलीय प्रत्याशियों के प्रचार-प्रचार पर बेहद संजिदगी से देख और सुन रहे हैं। निर्दलीय प्रत्याशियों के साथ उनके समर्थकों की टोली गांव शहर के गली मोहल्ले में पहुंच रहे हैं। सब तरफ चुनावी रंगत का शोर है। झंडा, बैनर, पोस्टर की भरमार है ऐसे में कई निर्दलीय प्रत्याशी और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के प्रत्याशी बिना ताम-झाम के मतदाताओं से सीधे जनसंपर्क करने में जुटे नजर आते हैं।
किन्नरों की घर-घर दस्तक क्या रंग लाएगी
इस चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की खूब चर्चा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ प्रमुख अमित जोगी की दावेदारी को माना जा रहा है। रायगढ़ सीट पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ में पूर्व महापौर मधुबाई को प्रत्याशी बनाकर खूब सुर्खियां बटोरी है। अब जनसंपर्क भी पूर्व महापौर मधुबाई अपनी ही शैली में कर रही है। साथी किन्नरों की टोली और अन्य समर्थकों के साथ मधुबाई का घर-घर में दस्तक देना लोगों में चर्चा का केंद्र बन गया है। रायगढ़ नगर निगम में राज कर चुकी मधुबाई के ग्रामीण क्षेत्र के अलावा शहर के वार्ड-वार्ड जनसंपर्क करने के तौर तरीके इन दिनों सुर्खियों में है। आने वाले दिनों में मधुबाई की शैली क्या रंग लाती है यह देखने वाली बात होगी।
ऑटो ने पकड़ी रफ्तार तो सिलाई मशीन की टूटी सुई
निर्दलीय प्रत्याशियों का प्रचार प्रसार बढ़ा रहा चुनावी सरगर्मी, प्रचार के तौर तरीकों पर मतदाताओं की पैनी नजर
