रायगढ़। एक तरफ जिला कलेक्टर कहते हैं कि धान खरीदी केंद्र में किसानों के सुविधाओं के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं किसानों को सारी सुविधा मुहैया करवाया जाएगा वहीं दूसरी तरफ धान मंडी के कर्मचारी किसानों से अभद्र व्यवहार करते हैं ऐसे में किसानों का सरकार पर से भरोसा उठता जा रहा है क्योंकि जिस धान मंडी समिति को किसानों की सुविधा के लिए कार्य करना चाहिए वहीं धान मंडी में मौजूद अधिकारी-कर्मचारी आज किसानों को इस कदर मजबूर कर दे रहे हैं कि किसान कों करीब 100 मीटर की दूरी तक 14 से 15 बोरा धान मजदूर व्यवस्था या स्वयं अपने कंधों पर उठाकर ले जाना पड़ेगा।
मामला आदिम जाति सेवा सहकारी समिति धर्मजयगढ़ का है यहां मौजूद अनिल सिंह जिन्होंने अपने आप कों जिला नोडल अधिकारी बताया उन्होंने किसान के साथ अभद्र व्यवहार कर दिया जिससे किसानों में भारी आक्रोश पैदा हो गया और उनकी काफी देर तक किसानों से खूब बहस हुई। वही किसानों के सामने अपने अडियल रवैये में जिला नोडल अधिकारी ने नियमों का हवाला देते हुए बड़ी-बड़ी बात तक कह दी।
मामला यह है कि झूलनबर निवासी धनी यादव अपने टोकन पर धान लेकर धरमजयगढ़ मंडी बेचने आया था परंतु उसके धान तौल के बाद जब 14 से 15 बोरी धान अधिक हो गया जो किसान वापस ले जाना चाहता था फिर किसान ने मंडी के कर्मचारी भरत गुप्ता से पूछा तब उन्होंने कहा कि ठीक है आप धान वापस लें जाइए जिसे ले जाने के लिए जब किसान अपना ट्रैक्टर अंदर लाना चाहा तब जिला नोडल अधिकारी ने ऊंचे आवाज में डांट फटकार लगाते किसान से अभद्र व्यवहार कर दिया जो सुन आसपास मौजूद किसानों में आक्रोश पैदा हो गया और उनकी जिला नोडल अधिकारी से खूब बहस हो गई। वहीं किसान ने जब कहा कि मैं 14 से 15 बोरी धान कैसे बाहर लेकर आऊंगा आप तो ट्रैक्टर को जाने ही नहीं दे रहे हैं तब जिला नोडल अधिकारी ने कह दिया कि जैसे ले जाना है ले जाओ।
एक तरफ सरकार धान खरीदी को लेकर बड़े-बड़े दावे तो करती है पर दूसरी तरफ ऐसे जमीनी स्तर पर मौजूद कर्मचारी उन दावों पर पानी फेर देते हैं क्या किसी किसान के साथ ऐसा अभद्र व्यवहार करना उचित था अगर नियम यह कहता है कि ट्रैक्टर अंदर नहीं जाएगा तब मंडी में मौजूद जिला नोडल अधिकारी को किसान को यह समझना चाहिए था कि नियम बनाया गया है इसके तहत आप ऐसा नहीं कर सकते, पर ऊंचे स्वर में बात करना और डांट फटकार लगाना क्या यह किसी नियम में लिखा गया है कि किसान से आप ऐसा अभद्र व्यवहार किया जा सकता हैं। ऐसे में सवाल यहां खड़ा होता है कि क्या ऐसे जिला नोडल अधिकारी पर कलेक्टर व इससे सम्बंधित अधिकारी कोई संज्ञान लेंगे या किसानों को ऐसे ही अपना धान बेचने कों डाट फटकार सुनते मजबूर होते रहना पड़ेगा..?
किसान के साथ धान मंडी में अभद्र व्यवहार
जमकर हंगामा, धरमजयगढ़ का मामला



