रायगढ़. बीती रात 20 हाथियों का दल अचानक फिटिंगपारा गांव पहुंच गया, और झुंड से निकलकर दो हाथी एक ग्रामीण के मकान में तोडफ़ोड़ करने लगे, जिसकी जानकारी मिलते ही ग्रामीण ने अपने परिवार को किसी तरह बाहर निकाला और अंधेरे का फायदा उठाकर वहां से भागकर अपनी जान बचाई। इस दौरान हाथियों ने खेतों में रखे धान फसल को भी नुकसान पहुंचाया है। इससे वन विभाग की टीम नुकसान का आंकलन में करने में लगी हुई है। अभी नुकसान का पता लगा रहा है।
इस संबंध मे मिली जानकारी के अनुसार धरमजयगढ़ वन मंडल के कापू वन परिक्षेत्र के जंगल में 20 हाथियों का एक झूंड भ्रमण कर रहा है। जो शुक्रवार को सुबह करीब 4 बजे यह झूंड जंगल से निकलकर मिरीगुडा बीट के फिटिंगपारा गांव में पहुंच गया।
इस दौरान हाथियों ने भोजन-पानी की तलाश में इधर-उधर भटक रहे थे, तभी दो झूंड से निकल कर दो हाथी रुचा यादव के घर पहुंच गए और उसके कच्चे घर के दीवार को तोडऩे लगे, वहीं मकान से मिट्टी गिरने पर रुचा यादव जग गया और देखा कि हाथी लगातार दिवार को धक्का दे रहे हैं, इससे उसने अपने परिवार को पीछे के रास्ते से बाहर निकाला और अधेरे का फायदा उठाते हुए वहां से पूरा परिवार भाग निककले, जिससे उनकी जान बच सकी। वहीं उसके बताने पर ग्रामीणों ने उक्त हाथियों को वहां से भगाया, लेकिन तब तक उसके मकान को हाथियों ने तहस-नहस कर दिया था। इसके बाद हाथियों का झूंड खम्हार गांव पहुंचा जहां पूर्व सरपंच चिंतामणी राठिया अपने खेत में मिसाई के लिए धान इक_ा करके रखा था, जिसे हाथियों ने रौंदकर पूरी तरह से नुकसान कर दिया। वहीं सुबह होते ही हाथियों का झूंड जंगल की तरफ निकल गए, तब जाकर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। फिर सुबह होने पर ग्रामीणों ने वन विभाग को गांव में हाथी आने की सूचना दी, इससे वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच कर नुकसान का आंकलन करने में लगी है, साथ ही ग्रामीणों को समझाईश दी गई है कि हाथियों से दूरी बनाकर रखे, साथ ही हाथी आने पर इसकी सूचना तत्काल विभाग को दें, ताकि हाथी मित्र दल मौके पर पहुंच कर उसे भगा सके।
दल में बेबी एलीफेंट भी शामिल
धरमजयगढ़ वन मंडल में इस समय पहले की तुलना में हाथियों की संख्या काफी कम हो गई है, लेकिन जो हाथी बचे हैं वे भोजन-पानी की तलाश में लगातार जंगल से निकल कर ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं। ऐसे में फिलहाल धरमजयगढ़ वन मंडल में अभी कुल 31 हाथी हैं। इनमें 17 नर हाथी, 9 मादा हाथी और 5 बेबी एलीफेंट शामिल हैं। इसके अलावा कुछ हाथी अलग-अलग रेंज में अकेले घूम रहे हैं, जबकि 20 हाथियों का एक झुंड कापू रेंज में मौजूद है, जो रात होते ही आसपास के गांव में पहुंच रहे हैं। इससे ग्रामीणों को सतर्क रहने की समझाईश दी जा रही है।
दहशत में ग्रामीण
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि ज्यादातर धान कट कर घर में डंप हो गया है, वहीं कुछ ग्रामीण अभी मिसाई के लिए घर के आसपास डंप करके रखे हैं, जिससे इन दिनों हाथी लगातार रात होते ही अलग-अलग गांव में पहुंच रहे हैं। जिसको लेकर रतजगा कर हाथियों को भगा रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी जब हाथी झूंड में पहुंचते हैं तो उनको भगाना मुश्किल हो रहा है। जिससे धान को बचाने से पहले खूद के जान को बचाने में लगे रहते हैं।
हाथियों ने ग्रामीण के कच्च्े मकान को किया तहस-नहस
अंधेरे का फायदा उठाकर ग्रामीण ने बचाई जान, सुबह 4 बजे जंगल से गांव में घुसे 20 हाथी



