रायगढ़। राज्य शासन के दिशा-निर्देशानुसार तथा कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत कुष्ठ रोग की पहचान, जांच एवं उपचार विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में जिले के सभी विकासखंडों से मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आर.एच.ओ. एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम के सदस्य सम्मिलित हुए। प्रशिक्षण कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के आरोग्यम सभा कक्ष में आयोजित हुआ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अनिल कुमार जगत ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि कुष्ठ एक संक्रामक रोग है, जो संक्रमित व्यक्ति के खांसने-छींकने से उत्पन्न ड्रॉपलेट के माध्यम से फैलता है। यह रोग शरीर में धीमी गति से बढ़ता है तथा इसके स्पष्ट लक्षण दिखाई देने में कुछ सप्ताह से लेकर 20 वर्षों तक का समय लग सकता है। कार्यक्रम का संचालन जिला कार्यक्रम अधिकारी सुश्री रंजना पैंकरा द्वारा किया गया।
प्रथम दिवस के प्रशिक्षण में चाम्पा मिशन अस्पताल (टी.एल.एम.) के विशेषज्ञ डॉ. सौरभ आनंद एवं फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. रश्मि नायक तथा द्वितीय दिवस डॉ. रूबी एवं डॉ. रश्मि नायक द्वारा कुष्ठ रोग की त्वरित पहचान, जांच प्रक्रिया, एम.डी.टी. दवा द्वारा उपचार, कुष्ठ जीवाणु से होने वाली विकलांगता की रोकथाम, जल-तेल (सेल्फ केयर) थेरेपी तथा रोगियों के पुनर्वास संबंधी विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. टी.जी. कुलवेदी ने बताया कि वर्ष 2030 तक कुष्ठ रोग का पूर्ण उन्मूलन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्तमान में रायगढ़ जिले का प्रसार दर 3.26 है, जिसे घटाकर 1 से कम लाना प्राथमिक उद्देश्य है। इसके लिए सभी विकासखंडों में घर-घर सर्वे करके संदिग्ध मरीजों की पहचान एवं समाज में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में डीएचओ डॉ. भानू पटेल, फिजियोथेरेपिस्ट अनिता पटेल, एन.एम.ए. एम.पी. साहू, दिनेश यादव, गौतम सिदार सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
कुष्ठ रोगियों की पहचान एवं जांच हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न



