सारंगढ़। वाणिज्यिक कर मंत्री ओपी. चौधरी ने कहा कि गाइडलाइन दरों का यह व्यापक, वैज्ञानिक पुनरीक्षण जनता के हितों को सर्वोपरि रखते हुए पूरी पारदर्शिता के साथ किया गया है। उन्होंने कहा कि 2017-18 के बाद दरों में संशोधन न होने से राज्य में वास्तविक बाजार मूल्य और गाइडलाइन दरों में गंभीर असंतुलन पैदा हो गया था, जिससे किसान, भूमिस्वामी और सामान्य नागरिक प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो रहे थे। नई गाइडलाइन दरें रोड-वाइज और वैज्ञानिक मैपिंग के आधार पर तैयार की गई हैं, ताकि- हर क्षेत्र में दरें तर्कसंगत, समान और समझने में सरल हों। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में 50 प्रतिशत से 300 प्रतिशत तक की वृद्धि किसानों को उचित मुआवज़ा और अधिक बैंक लोन प्राप्त करने में बड़ा लाभ देगी, जबकि नगरीय क्षेत्रों में 20त्न की तार्किक वृद्धि मूल्य-विसंगतियाँ दूर करेगी। वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि विभाग भविष्य में भी विकास, नई बसाहटों, बाजार प्रवृत्तियों और क्षेत्रीय आवश्यकताओं के आधार पर नियमित समीक्षा करता रहेगा, ताकि किसी भी नागरिक को उनकी संपत्ति के वास्तविक मूल्य से वंचित न होना पड़े।
उल्लेखनीय है कि – लंबे अंतराल के बाद गाइडलाइन दरों का यह व्यापक और महत्त्वपूर्ण संशोधन किया गया है। भविष्य में भी विभाग द्वारा जिले स्तर पर उस क्षेत्र में हो रहे विकास, नए निर्माण, क्षेत्रीय परिस्थितियों, बाजार प्रवृत्तियों तथा नई बसाहटों, कॉलोनियों के विस्तार का नियमित आकलन किया जाता रहेगा। इसी आधार पर गाइडलाइन दरों में समय समय पर आवश्यक, तर्क संगत और जनहितकारी संशोधन किए जाते रहेंगे, ताकि नागरिकों को उनकी संपत्ति के वास्तविक मूल्य का लाभ निर्बाध रूप से मिलता रहे और किसी भी प्रकार की मूल्य-विसंगतियाँ उत्पन्न न हों।
20 नवंबर से शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में नई रजिस्ट्री दर लागू
किसानों व आम नागरिकों को मिलेगा सीधा लाभ




