सारंगढ़। जिकांक अध्यक्ष अरुण मालाकार ने कहा है कि पूरे छग में जिपं अध्यक्ष का एक भी पद ओबीसी के लिए आरक्षित नहीं है, जब कि यहां आधी आबादी ओबीसी की है। प्रदेश की आधी आबादी जो अन्य पिछड़ा वर्ग का है उस बहु संख्यक आबादी के साथ भाजपा की साय सरकार अन्याय कर रही है। पिछड़ा वर्ग को 50 प्रतिशत आरक्षण का दावा करने वाली भाजपा गायब हैं। भाजपा के ओबीसी नेता दलीय चाटुकारिता में चुप है। जिकां अध्यक्ष अरुण मालाकार ने कहा है कि भाजपा की सरकार के द्वारा स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण प्रावधान किए जो दुर्भावना पूर्वक संशोधन के चलते अधिकांश जिला जपं में भी ओबीसी आरक्षण खत्म हो गया है। प्रदेश के 16 जिपं और 85 जनपदों में जहां पहले 25 प्रतिशत सीटें अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हुआ करती थी, अब अनुसूचित क्षेत्रों में ओबीसी आरक्षण लगभग खत्म हो गया है।
विदित हो पूर्व में ओबीसी के लिए आरक्षित ये सभी सीटें अब सामान्य घोषित हो चुकी है। साय सरकार के द्वारा आरक्षण प्रक्रिया के नियमों में किए गए दुर्भावना पूर्वक संशोधन के बाद अनुसूचित जिले और ब्लॉकों में जिपं सदस्य, जपं सदस्य और पंचों का जो भी पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था, वह अब सामान्य सीटे घोषित हो गई है। जिलाध्यक्ष मालाकार ने कहा है कि भाजपार्टी की सरकार के बदनियति के चलते अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवार चुनाव लडऩे से वंचित हो गए हैं। स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण के संदर्भ में साय सरकार ने जो दुर्भावना पूर्वक संशोधन किया है वह ओबीसी वर्ग के साथ अन्याय है, अत्याचार है। बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर संभाग में ओबीसी वर्ग के लिए कुछ बचा ही नहीं जबकि प्रदेश की यहां बड़ी आबादी ओबीसी वर्ग की है, भाजपा सरकार ने दुर्भावना पूर्वक संशोधन करके पिछड़ा वर्ग के प्रतिभागियों के अधिकार को कुचल दिया है।
प्रदेश की आधी आबादी के साथ भाजपा सरकार कर रही है अन्याय : अरुण
पूरे प्रदेश में जिपं अध्यक्ष का एक भी पद ओबीसी के लिए आरक्षित नहीं है
