ग्रामीण महिलाओं के स्वदेशी उत्पादों की बढ़ी मांग
बिक्री से उत्साहित स्व-सहायता समूह की महिलाएँ
बढ़ा आत्मविश्वास और आर्थिक समृद्धि
सरस मेला में महिला सशक्तिकरण का दिख रहा जीवंत उदाहरण
जशपुरनगर। ‘महिलाओं का हुनर, जशपुर का गौरव’ थीम पर आयोजित संभाग स्तरीय सरस मेला दृ 2025 में महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की अनूठी झलक देखने को मिल रही है। विकासखण्ड कुनकुरी के ग्राम मयाली में 06 से 09 नवम्बर तक आयोजित इस मेले में सरगुजा संभाग के सभी जिलों जशपुर, सरगुजा, बलरामपुर, सूरजपुर, कोरिया और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर से आई स्व-सहायता समूह की महिलाएँ अपने हुनर और मेहनत का प्रदर्शन कर रही हैं। मेले का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अंचलों की महिलाओं को उनके उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराना, पारंपरिक ज्ञान और कौशल को पहचान दिलाना तथा उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। यहाँ 15 से अधिक स्टॉलों के माध्यम से स्थानीय उत्पाद, हस्तशिल्प, वनोपज आधारित वस्तुएँ, बांस उत्पाद, मिलेट आइटम, वस्त्र निर्माण, मसाले और आचार-पापड़ जैसे अनेक घरेलू उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री की जा रही है। मेला स्थल पर स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है और उपभोक्ता महिलाओं के परिश्रम की प्रशंसा कर रहे हैं।
सरगुजा जिले के मेंड्रा क्लस्टर की गायत्री रजवाड़े और नगमा खातून सरस मेला में हल्दी, धनिया, मिर्च पाउडर, जीरा फुल, चावल, दाल, बाजरा, गेहूँ आटा और बेसन की बिक्री कर रही हैं। बलरामपुर जिले के शांति स्व-सहायता समूह की नीतू मंडल ने बताया कि उनके समूह की महिलाएँ नाइटी, ब्लाउज, कुर्ती जैसे वस्त्र निर्माण का कार्य करती हैं, जिससे समूह को 60 से 70 हजार रुपये की आमदनी होती है। मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले की ईशा रजक, सिद्धबाबा महिला फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी (एफपीओ) ग्राम नागपुर सेमरा से जुड़ी हैं। उन्होंने बताया कि जीरा फुल चावल, आचार, दाल और पापड़ की बिक्री से वे अब लखपति महिला उद्यमी बनने की ओर अग्रसर हैं। सूरजपुर जिले की बुद्धमनिया रजवाड़े ने बताया कि समूह में शामिल होने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और अब वे अपने परिवार का भरण-पोषण आत्मसम्मान के साथ कर रही हैं। जशपुर कांसाबेल की रानी मुस्कान स्व-सहायता समूह जीराफुल राइस, बांस टोकरी, सजावटी सामान, माला, ईयरिंग, पापड़ और आचार की बिक्री कर रही हैं। फरसाबहार खुटगांव की माधुरी निकुंज (निकुंज महिला समूह) हल्दी-मिर्च मसाला और सरसों तेल जैसे घरेलू उत्पाद बना रही हैं। वहीं, कोरिया जिले की यास्मीन ने बताया कि उनके समूह की महिलाएं मिलेट लड्डू, रागी लड्डू, आचार और ज्वार उत्पादों के माध्यम से अतिरिक्त आय अर्जित कर रही हैं।
सरस मेला न केवल महिलाओं को अपने उत्पादों के विपणन का अवसर प्रदान कर रहा है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति देने वाला सशक्त मंच भी बन रहा है। इस आयोजन से महिलाओं को रोजगार, आत्मनिर्भरता और सम्मानजनक आय का अवसर मिल रहा है। मेला के माध्यम से ‘बिहान’ मिशन की परिकल्पना कृ सशक्त महिला, सशक्त ग्राम कृ साकार होती दिखाई दे रही है। यह मेला महिलाओं के आत्मविश्वास, मेहनत और कौशल का उत्सव है, जो जशपुर सहित पूरे सरगुजा संभाग में नारी शक्ति की नई पहचान बना रहा है।



