रायगढ़। भगवान भुवन भास्कर की आराधना का महापर्व छठे इस बार 27 अक्टूबर को है। इस अवसर पर रवि योग का विशेष संयोग बन रहा है। पर्व की शुरुआत आज 25 अक्टूबर को नहाय-खाय से हो गई। कल 26 अक्टूबर को खरना और 27 को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। 28 अक्टूबर को अरुणोदय काल में अर्घ्य के साथ पर्व का समापन होगा। ऐसे में अब शनिवार से ही मौसमी फलों की बाजार सज गया है, इससे व्रती महिलाएं खरीदी भी शुरू कर दी है, साथ ही छठ घाट की भी साफ-सफाई लगभग पूरी हो गई है।
उल्लेखनीय है कि दीपावली के बाद से ही छठ पूजा की तैयारी शुरु हो जाती है। ऐसे में चार दिवसीय इस धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत शनिवार को नहाए खाए के साथ शुरू हो गया है। वहीं छठ व्रती महिलाएं पूजा की साड़ी व अन्य सामान की खरीदारी भी पूरी कर ली है। इस संबंध में व्रती महिलाओं ने बताया कि शनिवार को लौकी और चने की दाल खाकर छठ पर्व की शुरूआत की हैं। साथ ही रविवार को खरना छठ व्रत रखा जाएगा। इसमें महिला पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर शाम को खीर-रोटी खाकर अपना उपवास तोड़ती हैं। वहीं सोमवार को सुबह फिर से निर्जला व्रत रखकर शाम को नदी किनारे छठ घाट पर डूबते सूर्य को अध्र्य दिया जाएगा और मंगलवार को सुबह उगते सूर्य को अध्र्य देने के बाद पूजा का समापन होगा। छठ पूजा की शुरूआत होने के कारण शनिवार से ही पूजा में लगने वाले फलों की खरीददारी शुरू हो गई है। बाजार में महिलाएं सूपा से लेकर नारियल, माटीकटहल और अन्य फलों की खरीदी शुरू कर दी है। साथ ही पूजा में फलों के साथ नारियल और माटी कटहल का खास महत्व होता है। इस कारण लोग पहले से नारियल और माटीकटहल की खरीददारी कर रहे हैं। इससे बाजार में चलह-पहल बढ़ गई है।
छठ पूजा को लेकर बिहार व उत्तर प्रदेश से जुड़े लोगों के घरों में दीपावली के बाद से ही छठ पूजा के गीत गंूजने लगे हैं। साथ ही व्रती महिलाएं छठ पूजा में बनने वाले विशेष प्रसाद ठेकुआ के लिए गेंहू की सफाई कर आटा बनाते समय पारंपरिक छठ गीत गाते हुए पूरे उत्साह से तैयारी में लगी है। बताया जाता है कि इस पर्व के लिए हर तैयारी के साथ पारंपरिक गीत अनिवार्य होता है, जिसके चलते इस समय महिला पूरी श्रद्धा के साथ बगैर चप्पल पहले ही बाजार से लेकर घर तक गीत गाते हुए तैयारी कर रही है।
आज खरना छठ
इस संबंध में व्रती महिलाओं का कहना था कि रविवार को खरना छठ की व्रत रखेंगी। इसमें पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर शाम को भगवान सूर्य को पूजा करने के बाद खीर का प्रसाद खाकर उपवास तोड़ते हैं। फिर दूसरे दिन यानी सोमवार को सुबह से निर्जला व्रत रखकर शाम को नदी किनारे छठ घाट पर डूबते सूर्य को अध्र्य दिया जाएगा। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस पर्व को करने से घर धन-धान्य परिपूर्ण रहता है। इस कारण महिलाएं निर्जला व्रत रखकर भगवान सूर्य की अराधना करती है।
पूजा सामनों की बिक्री हुई तेज
छठ महापर्व की शुरूआत शनिवार से हो गया है, इससेे बाजार में पूजा सामान व मौसमी फलों का स्टाल बड़ी संख्या में सज गया है। साथ ही इस बार नारियल व माटीकटहल सहित बड़ा नीबू कोलकाता से पहुंचा है, जिसकी भारी मांग चल रही है। व्यवसायियों की मानें तो इस साल फलों के भाव काफी बढ़ा हुआ है, जिससे नारियल से लेकर माटीकटल व नीबू में 10 से 20 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि ये फल अत्यंत आवश्यक है इससे मांग ज्यादा है। वहीं कपड़ा बाजार में भी पूरे दिन महिलाओं की भीड़ लगी रही। इस दौरान महिलाएं अपने लिए साड़ी तो बच्चों के लिए भी कपड़ों की खरीदी करते नजर आई। इनका कहना था कि छठ महापर्व में शुद्धता का विशेष ध्यान रखना होता है, जिसके चलते पूरे परिवार के लिए नए कपड़ों की खरीदी करते हैं।
नहाय खाय के साथ शुरू हुआ छठ महापर्व, आज होगी खरना पूजा
घाटों पर साफ-सफाई का काम पूर्ण, मौसमी फलों से सज गया बाजार, पूजा सामानों की खरीददारी में जुटी व्रती महिलाएं



