रायगढ़। कारखाना अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन पाये जाने पर श्रम न्यायालय ने जिले में स्थापित मेसर्स एनटीपीसी लिमिटेड लारा समेत पांच उद्योगों पर 8 लाख 83 हजार रूपये का अर्थदंड लगाया है। सुरक्षा मानकों की कमी के चलते हुए हादसे की औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग की टीम ने जांच के बाद आपराधिक प्रकरण बनाकर श्रम न्यायालय में दायर किया था।
जिले में औद्योगिक हादसों का ग्राफ कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसा कोई महीना नहीं बचता जिस महीने किसी न किसी उद्योग में हादसे न होते हों और चीख-पुकार न मचती हो। किसी हादसे में किसी मजदूर की जान चली जाती है तो किसी में कोई गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल पहुंचता है। ऐसे सभी हादसों की जांच औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग की टीम द्वारा की जाती है और हादसे के लिए सुरक्षा मानकों की कमी और कारखाना अधिनियम का उल्लंघन पाये जाने पर प्रकरण बनाकर श्रम न्यायालय में दायर किया जाता है। औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के उप संचालक राहुल पटेल ने बताया कि श्रम न्यायालय ने ऐसे ही मामलों में कारखाना अधिनियम 1948 के प्रावधानों का उल्लंघन पाये जाने पर जिले के पांच उद्योगों पर भारी भरकम अर्थदंड लगाया है। इनमें जुलाई महीने में दायर एक प्रकरण में मेसर्स मां मंगला इस्पात कंपनी को जहां 2 लाख 40 हजार रूपये अर्थदंड से दंडित किया गया है तो वहीं 4 दिसंबर 2024 और 17 जनवरी में दायर प्रकरण में मेसर्स शम्भावी इस्पात प्राइवेट लिमिटेड को 1 लाख 65 हजार, जुलाई में दायर प्रकरण में मेसर्स मां मणी आयरन एंड स्टील कंपनी पर 4 लाख 20 हजार रूपये, अप्रैल में दायर प्रकरण में मेसर्स एनटीपीसी लिमिटेड लारा पर 50 हजार रूपये और एनआर इस्पात को 8 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया है। तो वहीं 24 नवंबर को मेसर्स अग्रोहा स्टील एंड पावर लिमिटेड में घटित एक हादसे में एक श्रमिक की हुई मौत के मामले में जांच उपरांत उप संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग राहुल पटेल द्वारा कंपनी के अधिभोगी उत्तम कुमार अग्रवाल और कारखाना प्रबंधक वीर विक्रम सिंह के खिलाफ गुरूवार को आपराधिक प्रकरण भी श्रम न्यायालय में दायर किया गया है।
एनटीपीसी लारा, मां मंगला, शंभावी, मां मणी, एनआर इस्पात पर 8.83 लाख का जुर्माना
कारखाना अधिनियमों के उल्लंघन पर श्रम न्यायालय ने किया दंडित
