रायगढ़। दीपावली को लेकर बाजारों में धीरे-धीरे रौनक आने लगी है। हालांकि, इस बार दीयों की कीमतों में पिछले साल की तुलना में 10 से 20 रुपये तक की बढ़ोतरी देखी जा रही है। कुम्हारों का कहना है कि बढ़ती बिजली दरें और खराब मौसम इसकी मुख्य वजह है।
दीपावली से करीब चार महीने पहले ही कुम्हार दीये बनाने का काम शुरू कर देते हैं, लेकिन इस साल लगातार बारिश के कारण उन्हें न सिर्फ मिट्टी की कमी का सामना करना पड़ा, बल्कि दीये बनाने और सुखाने में भी परेशानी आई। कुम्हारों का कहना है कि पिछले साल दीयों की कीमत 120 से 130 रुपये प्रति सैकड़ा थी, जबकि इस बार ये दाम बढक़र 140 से 150 रुपये प्रति सैकड़ा तक पहुंच गए हैं। जैसे-जैसे दीपावली नजदीक आ रही है, दीयों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है और बाजार में दीयों की दुकानें सजने लगी हैं।
बिजली बिल बढऩे से दीया के दाम बढ़े
अनुपा चक्रधारी ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल दीयों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। इसकी मुख्य वजह बिजली बिलों में आया इजाफा है। उन्होंने कहा कि स्थिति ऐसी हो गई है कि बिजली बिल भरना भी मुश्किल हो गया है। दीया बनाने में मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे बिजली की खपत ज्यादा होती है। इस बार लगातार बारिश ने भी काफी परेशानी खड़ी की। कई जगहों पर दीये बनाए ही नहीं जा सके और जहां बनाए गए, वहां बारिश में भीगकर खराब हो गए।
सीजन में 20-25 हजार दीए बनाते हैं
कुम्हार कन्हैया लाल चक्रधारी ने बताया कि दीये साधारण मिट्टी से नहीं बनते। इसके लिए खास मिट्टी रेगड़ा और पचेड़ा घाट से लाते हैं। दीपावली के सीजन में वे लगभग 20 से 25 हजार दीये तैयार कर लेते हैं। इनकी डिमांड भी शुरू हो चुकी है। दाम बढ़ाया गया है, लेकिन इसका कारण हर कोई समझ नहीं पाता। इसी व्यवसाय से घर का पालन पोषण किया जा रहा है।
20 रुपए बढ़ गए दीयों के दाम, कुम्हार बोले-बिजली के दाम बढऩे से ऐसा हुआ
दीया बनाने 4 माह से कर रहे तैयारी



