रायगढ़। जिले के ग्रामीण अंचल में एक बार फिर उद्योगों के भारी वाहनों का कहर देखने को मिल रहा है। गेरवानी से चिराईपाली, चिराईपानी होते हुए देलारी गांव तक जाने वाला मार्ग पूरी तरह जर्जर हो चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि यह सडक़ मूल रूप से हल्के वाहनों और ग्रामीण आवागमन के लिए बनी थी, लेकिन अब इस पर दिन-रात कंपनियों के ट्रक और डंपर दौडऩे से सडक़ धूल, गड्ढों और कीचड़ में तब्दील हो चुकी है।
लोगों का कहना है कि सडक़ की हालत इतनी खराब है कि स्कूल जाने वाले बच्चे और दोपहिया वाहन चालक रोज दुर्घटना के खतरे से जूझ रहे हैं। वहीं लगातार उठती धूल से बुजुर्गों और बच्चों में खांसी, सांस की समस्या और आंखों में जलन की शिकायतें बढ़ रही हैं। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार इस समस्या को लेकर पुलिस, ट्रैफिक और परिवहन विभाग को शिकायत दी, लेकिन अब तक किसी भी स्तर पर कार्रवाई नहीं की गई। प्रशासन की चुप्पी ने ग्रामीणों के गुस्से को और भडक़ा दिया है। स्थानीय लोगों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक नहीं लगी, तो उग्र आंदोलन के लिए सडक़ पर उतरेंगे। ग्रामीणों का सीधा सवाल जब यह सडक़ भारी वाहनों के लिए बनी ही नहीं, तो आखिर किसकी अनुमति से उद्योगों के वाहन यहां दौड़ रहे हैं?
भारी वाहनों की आवाजाही से जर्जर हुई गेरवानी-चिराईपानी सडक़
प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से दौड़ रहे ओवर लोड वाहन
