रायपुर। नवा रायपुर स्थित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) में एक छात्र ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से 36 छात्राओं की 1000 अश्लील फोटो बना दी। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (ईसीई) विभाग के छात्र के लैपटॉप और मोबाइल में अश्लील फोटो मिली है। पुलिस आरोपी छात्र को बिलासपुर से गिरफ्तार किया है।
जानकारी के मुताबिक आरोपी छात्र का नाम सैय्यद रहीम है। वह कॉलेज इवेंट्स में लड़कियों की फोटो खींचता था। आरोपी का लैपटॉप और मोबाइल पुलिस ने जब्त किया है। एएसपी दौलतराम पोर्ते ने आरोपी छात्र की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। मामला राखी थाना क्षेत्र का है।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी कॉलेज इवेंट में क्लास और कॉलेज की छात्राओं की फोटो खींचता था। इन फोटो को उसन एआई के माध्यम से अश्लील बनाया और कुछ दोस्तों को दिखाया। दोस्तों के माध्यम से छात्राओं तक जानकारी पहुंची। उन्होंने आरोपी छात्र की शिकायत आईआईआईटी प्रबंधन से कर दी। प्रबंधन ने आरोपी को सस्पेंड कर दिया, लेकिन पुलिस में जानकारी नहीं दी। मामला छात्राओं के बीच से मीडिया तक पहुंचा। इसके बाद प्रबंधन ने पुलिस में शिकायत की है। प्रबंधन की शिकायत पर पुलिस ने स्नढ्ढक्र दर्ज किया।
कॉलेज प्रबंधन ने कमेटी भी बनाई
इस मामले पर कॉलेज प्रबंधन ने कहा कि जांच के लिए महिला स्टाफ की एक विशेष समिति गठित की गई है। कमेटी तकनीकी पहलुओं के साथ-साथ सोशल मीडिया और डेटा लीक की संभावना की भी जांच करेगी। कॉलेज प्रबंधन अपनी रिपोर्ट पुलिस से भी साझा करेगी।
आरोपी बिलासपुर से गिरफ्तार
इस मामले में एएसपी दौलत राम पोर्ते ने बताया कि आरोपी छात्र की शिकायत प्रबंधन से मिली थी। शिकायत पर जांच की और आरोपी सैय्यद रहीम को बिलासपुर से गिरफ्तार किया है। आरोपी छात्र से लैपटॉप, मोबाइल और पेन ड्राइव जब्त किया गया है। मामले में जांच की जा रही है। साइबर क्राइम एक्सपर्ट मुकेश चौधरी ने बताया कि, ट्रिपलआईटी में जो घटना सामने आई है, वह शर्मनाक है। ऐसे मामलों में प्रबंधन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। वर्तमान में कई ऐसे एप उपलब्ध हैं, जिनसे इस तरह के कंटेंट बनाए या बदले जा सकते हैं।
5 साल तक हो सकती है सजा
किसी की निजी फोटो लेकर उसे बदलना या छेड़छाड़ करना कानूनन अपराध है। ऐसे फोटो या वीडियो शेयर करना भी अपराध है। अश्लील कंटेंट, फोटो या वीडियो बनाने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। इस पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67, 67ए और 66(2) के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। इसमें तीन से पांच साल तक की सजा का प्रावधान है। यह अज़मानतीय अपराध है।