बस्तर का दशहरा, बस्तर ओलंपिक, यहाँ का खानपान, वेशभूषा, कला और वाद्य यंत्र न केवल बस्तर बल्कि पूरी दुनिया में आकर्षण का केन्द्र बने हैं
रायपुर. केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में आयोजित बस्तर दशहरा महोत्सव को संबोधित किया। इससे पहले अमित शाह ने प्रसिद्ध दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन और पूजन किया। बस्तर दशहरा महोत्सवअवसर में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री डॉ. विजय शर्मा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि 75 दिनों तक चलने वाला विश्व का सबसे बड़ा और अनूठा बस्तर दशहरा मेला न केवल आदिवासी समाज, बस्तर, छत्तीसगढ़ या भारत बल्कि पूरे विश्व में सबसे बाद सांस्कृतिक महोत्सव है। श्री शाह ने कहा कि आज माँ दंतेश्वरी के दर्शन-पूजन के दौरान उन्होंने प्रार्थना की कि वे हमारे सुरक्षा बलों को शक्ति दें ताकि वे 31 मार्च 2026 तक बस्तर क्षेत्र को लाल आतंक से मुक्त कर सकें। श्री शाह ने कहा कि दिल्ली में कुछ लोग वर्षों तक यह भ्रांति फैलाते रहे कि नक्सलवाद का जन्म विकास की लड़ाई है, जबकि सच यह है कि बस्तर के विकास से वंचित रहने का मूल कारण नक्सलवाद ही है। उन्होंने कहा कि आज देश के हर गाँव में बिजली, पेयजल, सडक़, हर घर में शौचालय, पाँच लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा और पाँच किलो मुफ्त अनाज के साथ-साथ चावल को 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदने की व्यवस्था पहुँच चुकी है, लेकिन बस्तर प्रगति की इस दौड़ में पीछे रह गया है।
गृह मंत्री ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से यह आश्वासन देना चाहते हैं कि 31 मार्च, 2026 के बाद नक्सलवादी न तो बस्तर के विकास और न ही बस्तर के लोगों के अधिकारों को रोक पाएंगे। श्री शाह ने कहा कि बस्तर क्षेत्र के जो बच्चे भटक कर नक्सलवाद से जुड़ गए हैं, वे स्थानीय गांवों के ही हैं। श्री शाह ने बस्तर के लोगों से अपील की कि वे भटके हुए इन बच्चों को हथियार छोड़ कर मुख्यधारा में शामिल होने की बात समझाएं, ताकि वे बस्तर के विकास में सहभागी बनें।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन ने देश की सबसे बेहतर सरेंडर नीति बनाई है। पिछले एक महीने में ही 500 से अधिक लोग सरेंडर कर चुके हैं। उन्होंने नक्सलियों से अपील की कि वे सरेंडर कर दें। श्री शाह ने कहा कि जिस गाँव में नक्सलवाद पूरी तरह खत्म हो जाएगा, वहाँ छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गाँव के विकास के लिए 1 करोड़ रुपए दिए जाएँगे। श्री शाह ने कहा कि नक्सलवाद से किसी का भला नहीं हुआ है और यह समस्या अब काफी हद तक कम हो चुकी है।
अमित शाह ने कहा कि कि केन्द्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार बस्तर सहित सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए पूर्णत: समर्पित हैं और इसके लिए आकर्षक नीतियाँ बनाई गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी ने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए पिछले 10 वर्षों में लगभग 4 लाख 40 हजार करोड़ रुपए की धनराशि प्रदान की है। छत्तीसगढ़ का विकास दिन-दूनी,रात-चौगुनी गति से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योग स्थापित हो रहे हैं, शिक्षा के संस्थान बन रहे हैं, और स्वास्थ्य संस्थानों का विकास हो रहा है। साथ ही हमारे लघु उद्योगों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमने बहुत मोहक आत्मसमर्पण नीति बनाई है। उन्होंने नक्सलियों से अपील की कि वे हथियार डाल दें। श्री शाह ने साथ ही चेताया भी कि यदि हथियारों के जरिए बस्तर की शांति को भंग करने का प्रयास किया गया, तो हमारे सशस्त्र बल, सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस मिलकर इसका करारा जवाब देंगी। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2026 की तिथि तय है, जब नक्सलवाद को इस देश से पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।
अमित शाह ने कहा कि इस बार बस्तर ओलंपिक में देशभर के आदिवासी भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि बस्तर का पंडुम उत्सव, खान-पान, वेश-भूषा, कला, और वाद्य यंत्र न केवल बस्तर में, बल्कि पूरे विश्व में आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी का यही संकल्प है कि हमारी संस्कृति, भाषा, खान-पान, वेश-भूषा और वाद्य यंत्र सदियों तक न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए संरक्षित रहें। इस संकल्प को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार और भारत सरकार कटिबद्ध हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बस्तर में 1874 से आज तक मुरिया दरबार में सक्रिय भागीदारी, न्यायिक व्यवस्था, आदिवासी संस्कृति को संरक्षित करने का चिंतन और जनसंवाद की ऐतिहासिक परंपरा किसी वैश्विक धरोहर से कम नहीं है।
अमित शाह ने स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित स्वदेशी मेला का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लंबे समय से स्वदेशी पर जोर दिया है। स्वदेशी जागरण मंच कई वर्षों से स्वदेशी को जन-आंदोलन के रूप मेंचला रहा है। अब मोदी जी ने सभी से आह्वान किया है कि प्रत्येक घर को यह संकल्प लेना है कि हम केवल अपने देश में बनी वस्तुओं का उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यापारी को यह संकल्प लेना है कि उनकी दुकान या शॉपिंग मॉल में विदेशी वस्तुएँ उपलब्ध नहीं होंगी। श्री शाह ने कहा कि यदि 140 करोड़ की आबादी स्वदेशी के इस संकल्प को आत्मसात कर ले, तो भारत को विश्व की सर्वोच्च आर्थिक शक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी जी ने हाल ही में छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश की माताओं-बहनों को 395 वस्तुओं पर जीएसटी में भारी छूट देकर बड़ी राहत प्रदान की है। खाने-पीने की लगभग सभी चीजों को कर-मुक्त कर दिया गया है, और रोजमर्रा की उपयोग की वस्तुओं पर केवल पाँच प्रतिशत कर रखा गया है। उन्होंने कहा कि देश में इतनी बड़ी कर कटौती पहले कभी नहीं हुई, जितनी मोदी जी ने की है। इसके साथ ही, यदि हम स्वदेशी के संस्कारों को अपनाते हैं, तो हमारे देश की अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व गति मिलेगी। श्री शाह ने कहा कि बस्तर दशहरा महोत्सव में 300 से अधिक स्वदेशी कंपनियाँ हिस्सा ले रही हैं। उन्होंने कहा कि स्वदेशी वॉकथॉन स्वदेशी भावना को नई पहचान देने का एक प्रभावी माध्यम बन गया है। आज देशभर में आयोजित हो रहे स्वदेशी मेलों के माध्यम से स्वदेशी अभियान को और गति मिल रही है।
अमित शाह ने कहा कि श्रावण अमावस्या से अश्विन शुक्ल त्रयोदशी तक चलने वाला बस्तर का 75 दिनों का दशहरा हम सभी के लिए गौरव, पहचान और अभिमान का विषय है। उन्होंने कहा कि 14वीं शताब्दी से शुरू हुई रथ यात्रा ने इस पूरे क्षेत्र में सांस्कृतिक जागृति की शुरुआत की। श्री शाह ने कहा कि माँ दंतेश्वरी की रथ यात्रा में 66 आदिवासी और कई गैर-आदिवासी समूह भाग लेते हैं। श्री शाह ने कहा कि बस्तर दशहरा और मुरिया दरबार आदिवासियों को जोडऩे का कार्य करते हैं और पूरे बस्तर को एक सूत्र में पिरोते हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने आदिवासियों के सम्मान में अनेक योजनाएँ शुरू की हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार देश के सर्वोच्च पद पर आदिवासी समुदाय की बेटी श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाकर गौरवपूर्ण कार्य किया है। उन्होंने कहा कि जब महामहिम द्रौपदी मुर्मू विश्व के राष्ट्राध्यक्षों से मिलती हैं, तो न केवल आदिवासी समाज, बल्कि हम सभी का हृदय गर्व से भर जाता है। लोकतंत्र के सर्वोच्च पद पर ओडिशा के एक गरीब परिवार की बेटी का महामहिम के रूप में आसीन होना हम सभी के लिए गौरव का विषय है। श्री शाह ने कहा कि मोदी जी ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया। उनकी जयंती को आदिवासी गौरव दिवस के रूप में स्थापित किया गया। बस्तर संभाग के सातों जिलों में नक्सलवाद छोडक़र सरेंडर करने वाले व्यक्तियों और नक्सली हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए 15,000 से अधिक प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत करने का कार्य भी प्रधानमंत्री मोदी जी ने किया है।
अमित शाह ने मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना का किया शुभारंभ
बस्तर से नक्सलवाद का अंत शीघ्र होगा और क्षेत्र में शांति स्थापित कर हम विकास के नए आयाम गढ़ेंगे। बस्तर और सरगुजा क्षेत्र के सुदूर अंचलवासी अब विकास से विश्वास तक की यात्रा में सहभागी बनकर विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जगदलपुर से मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना का शुभारंभ करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने यात्री बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और क्षेत्रवासियों को इस विशेष पहल के लिए शुभकामनाएं दीं। केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास के लिए डबल इंजन की सरकार प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। लाल आतंक की समाप्ति प्रदेश के सुदूर इलाकों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ेगी। आज प्रारंभ हुई यात्री बस सेवा हमारे नागरिकों के जीवन में नई ऊर्जा का संचार करेगी। उन्होंने कहा कि अब 250 गांवों के लोग अपने निकटवर्ती शासकीय कार्यालयों, स्कूलों और अस्पतालों तक आसानी से पहुंच पाएंगे।
समावेशी विकास की दिशा में कदम- सीएम साय
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस योजना की शुरुआत पर कहा कि हमारा लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ का कोई भी गांव विकास की मुख्यधारा से न छूटे। मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना ग्रामीणों के जीवन को आसान बनाने और उन्हें शहरों से जोडऩे का प्रयास है। यह योजना न केवल परिवहन की सुविधा देगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी। यह योजना न केवल परिवहन की दृष्टि से, बल्कि सामाजिक और आर्थिक समानता की दिशा में भी एक मील का पत्थर साबित होगी।
माई दंतेश्वरी की धरती से केंद्रीय गृह मंत्री ने दी महतारी वंदन की सौगात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मोदी की गारंटी’ के तहत शुरू की गई महतारी वंदन योजना छत्तीसगढ़ की बहनों के जीवन में नई रोशनी लाई है। यह योजना केवल आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि महिलाओं के आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता को बढ़ाने वाला ऐतिहासिक कदम है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज जगदलपुर में बस्तर दशहरा एवं मुरिया दरबार के अवसर पर माई दंतेश्वरी की धरती से राज्य की 64 लाख 94 हजार 768 हितग्राही महिलाओं को महतारी वंदन योजना की 20वीं किस्त के रूप में 606 करोड़ 94 लाख रुपये की राशि अंतरित करते हुए यह बात कही।
केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी का सपना है कि हर महिला सशक्त और आत्मनिर्भर बने तथा देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में बराबरी की भागीदारी निभाए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जिस पारदर्शिता और प्रतिबद्धता से इस योजना को लागू किया है, वह पूरे देश के लिए एक आदर्श है। यह योजना आने वाले वर्षों में प्रदेश के सतत विकास और महिला सशक्तिकरण की मजबूत नींव साबित होगी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि महतारी वंदन योजना छत्तीसगढ़ की बहनों के जीवन में आत्मविश्वास और सम्मान की नई ऊर्जा का संचार कर रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की ‘मोदी की गारंटी’ के रूप में मिली यह सौगात हमारे प्रदेश की महिलाओं को न केवल आर्थिक सहयोग दे रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाकर समाज और परिवार में एक नई पहचान भी दिला रही है।
मुरिया दरबार में शामिल हुए अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बस्तर दशहरा पर्व के अवसर पर जगदलपुर के सिरहासार भवन में आयोजित मुरिया दरबार में शामिल हुए। बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के चित्र पर दीप प्रज्वलित करने के पश्चात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मांझी-चालकी से सीधा संवाद करते हुए बस्तर से माओवाद को समाप्त करने में सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि माओवाद से जुडक़र हथियार उठा चुके बच्चों को समझाएं कि वे मुख्यधारा में लौटें और शासन की योजनाओं का लाभ लें। केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बस्तर के विकास और नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए दृढ़संकल्पित हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मांझी-चालकी से संवाद करते हुए कहा कि मार्च 2026 तक बस्तर को नक्सलवाद से मुक्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि बस्तर के युवा डॉक्टर, इंजीनियर, डिप्टी कलेक्टर और कलेक्टर बनकर पूरे छत्तीसगढ़ की सेवा करें। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि युवा नक्सलवाद से न जुड़ें और जो जुड़ चुके हैं, वे आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटें। जहां-जहां नक्सलवाद समाप्त हुआ है, वहां छत्तीसगढ़ सरकार तेजी से विकास कार्य कर रही है और लोगों को शासकीय योजनाओं से लाभान्वित कर रही है।