रायगढ़। वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार शारदीय नवरात्र 22 सितंबर को गजकेसरी राजयोग से शुरू हो रहा है, साथ ही इस बार मां दुर्गा गज यानी हाथी पर सवार होकर आ रही है, ऐसे में ज्योतिषियों के अनुसार मां दुर्गा का हाथी पर सवार होकर आना सुखप्रद रहने वाला है, इससे मानव जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पडऩे वाला है। इसको लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। वहीं रविवार को सुबह से पूजा-सामग्री के दुकानों में लोगों की भीड़ लगी रही।
उल्लेखनीय है कि इस बार शारदीय नवरात्र 22 सितंबर से शुरू हो रहा है, जिसके लिए अंचल सहित शहर के देवी मंदिरों में विगत सप्ताहभर से तैयारी चल रही थी, जो अब पूरी हो चुकी है। जिससे शाम होते ही रंग-बिरंगी झालरों से मंदिर जगमगाने लगा है। वहीं मंदिर के पुजारियों का कहना है कि इस बार का नवरात्र के पहले दिन सोमवार को गजकेसरी राजयोग में माता का घट स्थापना किया जाएगा। वहीं नवरात्र के पहले ही दिन से माता के दर्शन के लिए भक्तों की संख्या में इजाफा होगा, जिसको ध्यान में रखते हुए इस बार विशेष तैयारी की गई है। साथ ही पूज्य मां अघोर शक्तिपीठ भगवानपुर मंदिर के पूजारी पंडित राजकुमार चौबे ने बताया कि इस बार विशेष बात तो यह है कि नवरात्र सोमवार को गजकेसरी राजयोग से शुरू हो रहा है, जो मानव जीवन के लिए काफी लाभप्रद है, साथ ही मां अंबे इस बार गज पर सवार होकर आ रही है। जिसको लेकर इस बार के नवरात्र का विशेष महत्व माना जा रहा है।
साथ ही नवरात्रि पर इस बार कई योग बन रहे हैं, जिसमे बुधादित्य राजयोग, भद्र राजयोग, धन योग (चंद्र मंगल युति तुला राशि में), त्रिग्रह योग (चंद्रमा बुध और सूर्य की युति कन्या राशि में), और गजेसरी राजयोग का शुभ संयोग रहने वाला है। नवरात्रि का आरंभ गजकेसरी राजयोग से हो रहा है क्योंकि, गुरु और चंद्रमा एक दूसरे से केंद्र भाव में होंगे। ऐसे में विधि-विधान से पूजा अर्चना करने से शुभ फल प्राप्त होगा।
सुबह से पहुंचेंगे भक्त
शहर सहित अंचल के देवी मंदिरों में नवरात्र के पहले दिन से ही पूरे नौ दिन तक भक्तों के लिए पट खुला रहेगा। जिससे भक्त कभी भी आकर माता का दर्शन कर सकेेंगे। हालांकि भक्तों को दर्शन में किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसके लिए पहले से व्यवस्था की गई है। पुजारियों का कहना है कि भक्तों को समस्या न हो इसके लिए मंदिर के सारी व्यवस्था की गई है ताकि बगैर समस्या के माता का दर्शन अच्छे से हो सके। वहीं शहर के प्रख्यात बुढ़ी माई मंदिर, सत्ती माई मंदिर, अनाथालय स्थित दुर्गा मंदिर, चंद्रपुर स्थित चंद्रहासिनी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में पहले ही दिन से भक्तों की कतार शुरू हो जाती है। वहीं मान्यता है कि इन नौ दिनों तक जो भी भक्त पूरी श्रद्धा से माता का पूजन करते हैं, उनकी मनोकामना जरूर पूर्ण होती है।
घट स्थापना के शुभ मुुुहुर्त
पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्र 22 सितंबर सोमवार को घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 09 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 05 मिनट है। वहीं दूसरा मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त में 11 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक है। इन दोनों में से किसी भी मुहूर्त घटस्थापना कर सकते हैं
बाजार में रही रौनक
गुरुवार से नवरात्र पर्व शुरू होने के कारण रविवार को पूरे दिन बाजार में भीड़-भाड़ का माहौल रहा। इस दौरान पूजा सामग्री के साथ कलश व दीया की भी जमकर लोगों ने खरीदी की है। साथ ही इस बार कलश व दीया बेचने के लिए रायगढ़ के अलावा आसपास के गांव से भी कुम्हार पहुंचे हुए थे, जो एक से बढकऱ एक डिजाईनदार कलाश लाए हुए थे, जिसको लोगों ने खुब पसंद किया। वहीं कुम्हारों का कहना था कि कच्चा माल का रेट बढऩे के कारण दीया व कलश का भी रेट बढ़ा हुआ है, लेकिन पूजा का सामान होने के कारण अच्छी-खासी बिक्री हुई है।
जिला जेल के 47 बंदी रखेंगे उपवास
रायगढ़। शारदीय नवरात्र के अवसर पर रायगढ़ जिला जेल के 47 बंदी उपवास रखेंगे। इनमें 40 पुरुष और 7 महिला बंदी शामिल हैं। जिला जेल अधीक्षक जी.एस. शौरी ने जानकारी देते हुए बताया कि जेल में कुल 800 बंदी हैं, जिनमें से 47 ने नवरात्र के दौरान उपवास रखने की इच्छा जताई है। इन बंदियों की आस्था और श्रद्धा को देखते हुए जेल प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए हैं। उपवास रखने वाले बंदियों में से 30 बंदी पूरे 9 दिन का व्रत करेंगे, जबकि शेष 17 बंदी पहले पांचवें और आठवें दिन का उपवास रखेंगे। इन बंदियों के लिए अलग से बैरक की व्यवस्था की गई है ताकि पूजा-पाठ और भजन कीर्तन शांतिपूर्वक हो सके। साथ ही, उपवास के दौरान उनके खानपान का भी ध्यान रखा गया है।